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मॉब लिंचिंग प्रकरण :3 साल में 638 मामले दर्ज, 1 साल में 3 की मौत

हरियाणा से सटा राजस्थान का मेवात इलाका लंबे अर्से से मॉब लिंचिंग का केन्द्र बना हुआ है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 25 Jul 2018 11:19 AM (IST)Updated: Wed, 25 Jul 2018 11:19 AM (IST)
मॉब लिंचिंग प्रकरण :3 साल में 638 मामले दर्ज, 1 साल में 3 की मौत
मॉब लिंचिंग प्रकरण :3 साल में 638 मामले दर्ज, 1 साल में 3 की मौत

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। हरियाणा से सटा राजस्थान का मेवात इलाका लंबे अर्से से मॉब लिंचिंग का केन्द्र बना हुआ है। हरियाणा से सटे मेव बहुल राजस्थान में अलवर एवं भरतपुर जिलों के करीब 150 किमी क्षेत्र में गोतस्करों की कथित गोरक्षकों और पुलिस के बीच झड़प की घटनाएं लगातार होती रहती है।

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राजस्थान पुलिस के आंकड़ों के हिसाब से महीने में 5-6 ऐसी घटनाएं इस क्षेत्र में होती रहती है। कई बार पुलिस को फायरिंग भी करनी पड़ती है। मॉब लिंचिंग की घटनाओं में 1 साल में 3 लोगों की मौत हो चुकी है।वहीं एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ। अलवर और भरतपुर जिलों का मेवात इलाकों से गायों की तस्करी अंदाजा गत साढ़े तीन साल के आंकड़ों को देखकर लगाया जा सकता है।

पिछले तीन साल में पुलिस ने गोतस्करी के 638 मामले दर्ज कर 719 गोतस्करों को पकड़ा है। ये तो तब है जब पुलिस बहुत से मामले दर्ज ही नहीं करती है। 3 साल में अलवर जिले में गोतस्करी के 410 मामले दर्ज कर 610 गौतस्करों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार अलवर जिले में वर्ष 2015 में गोतस्करी के 160 मामले दर्ज कर 226 गोतस्करों को गिरफ्तार किया गया।

वहीं वर्ष 2016 में 117 मुकदमें दर्ज 248 गोतस्करों को पकड़ा गया, वर्ष 2017 में गोतस्करी के 94 मुकदमे दर्ज कर 108 गोतस्करों को गिरफ्तार किया गया। वर्ष 2018 में 22 जुलाई तक गोतस्करी के 41 मामले दर्ज कर 28 गोतस्करों को गिरफ्तार किया गया है। इसी तरह भरतपुर जिले में पुलिस ने तीन साल में 228 मामले दर्ज कर 109 तस्करों को पकड़ा है। इनमें गोतस्करों के खिलाफ साल 2015 में 65, साल 2016 में 71, साल 2017 में 58 मामले दर्ज कर 69 गौतस्करों को पकड़ा और जून 2018 तक 35 मामले दर्ज 40 गोतस्करों को गिरफ्तार किया गया है।

अलवर में 1 साल में 4 बड़ी घटनाएं

सबसे पहले 3 अप्रेल 2017 को अलवर जिले के बहरोड़ में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर कथित गौरक्षकों ने गोतस्करी के आरोप में 6 वाहनों को रोककर 15 गोतस्करों के साथ मारपीट कर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया था। मारपीट में गंभीर रूप से घायल पांच लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इनमें हरियाणा के नूंह जिला निवासी 50 वर्षीय पहलू खां की 5 अप्रेल को निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

इसके बाद दूसरी घटना 9 नवंबर, 2017 की रात को अलवर जिले के गोविंदगढ़ में कथित गोरक्षकों ने कथित गोतस्कर उमर खान की पिटाई के बाद गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी। बाद में शव को रेलवे ट्रैक के पास डाल दिया था। तीसरा मामला अलवर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र में 23 दिसम्बर 2017 को सामने आया यहां

गाय ले जा रहे एक युवक की भीड़ ने पिटाई कर दी,हालांकि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसे भीड़ से मुक्त करवा लिया था।

चौथी घटना शुक्रवार रात को अलवर के रामगढ़ इलाके में गो तस्करी के शक में भीड़ ने अकबर उर्फ रकबर पर हमला बोल दिया। बाद में अकबर की मौत हो गई थी। घटना के बाद इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका और उसकी कार्रवाई पर सवाल उठ रहे है।

गृहमंत्री बोले,रोकने का प्रयास करते है

राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने दैनिक जागरण को बताया कि गोतस्करी रोकने के प्रयास करते है । पुलिस हमेशा सावधान रहती है। यह प्रयास किया जाता है कि इस तरह की घटनाएं नहीं हो। उन्होंने कहा कि अलवर और भरतपुर हरियाणा के मेवात इलाकों से सटे होने के कारण इन दोनों जिलों में आपसी टकराव की घटनाएं अधिक होती है । 


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