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Rajasthan: उदयपुर में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म, एक गिरफ्तार

Rajasthan पीड़िता ने पुलिस को बताया कि चार साल पहले उसके मौसेरे भाइयों ने पहली बार उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और उसकी अश्लील वीडियो क्लीपिंग बना ली थी। जिसे दिखाकर वह उसे लंबे समय से ब्लैकमेल कर शोषण कर रहे थे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2020 09:17 PM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2020 09:17 PM (IST)
Rajasthan: उदयपुर में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म, एक गिरफ्तार
उदयपुर में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म में गिरफ्तार।

उदयपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan: राजस्थान में उदयपुर के प्रतापनगर क्षेत्र में एक किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। उसके साथ पिछले चार साल से दुष्कर्म किया जा रहा था और आरोपित उसके मौसेरे भाई हैं। उनमें से एक आरोपित को प्रतापनगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरे की तलाश जारी है। बताया गया कि सोलह वर्षीय किशोरी ने अपनी मां को पहली बार उसके साथ किए जा रहे सामूहिक दुष्कर्म की घटना की जानकारी दी थी। जिस पर उसकी मां पीड़िता के साथ प्रतापनगर थाने पहुंची तथा सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया। इस मामले में उसके उदयपुर तथा राजसमंद में रह रहे दो मौसेरे भाइयों को नामजद किया है। उनके खिलाफ पॉस्को एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।

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पीड़िता ने पुलिस को बताया कि चार साल पहले उसके मौसेरे भाइयों ने पहली बार उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और उसकी अश्लील वीडियो क्लीपिंग बना ली थी। जिसे दिखाकर वह उसे लंबे समय से ब्लैकमेल करते आ रहे थे और लगातार शोषण कर रहे थे। जिस पर पुलिस ने पीड़िता का यहां महाराणा भूपाल चिकित्सालय में मेडिकल कराया। मामले की जांच कर रहे पुलिस उप अधीक्षक राजीव जोशी ने बताया कि उदयपुर में रहने वाले आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि राजसमंद में रहने वाले आरोपित की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम भेजी गई है।

उधर, बांसवाड़ा के किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में नया मोड सामने आया है। उसकी मेडिकल बोर्ड के जरिए कराई गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि उसके साथ दुष्कर्म नहीं हुआ। जबकि पीड़िता के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने हत्या तथा दुष्कर्म का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। पता चला कि खमेरा थाना क्षेत्र की चौदह साल की किशोरी की मौत जहर की वजह से हुई है। मृतका के शरीर के सैंपल प्रीजर्व रखकर एफएसएल जांच के लिए भेज दिए हैं। ऐसे में अगर एफएसएल जांच में भी ज्यादती नहीं हाेना पाया गया ताे इस केस में आराेपियाें के खिलाफ सामूहिक ज्यादती की धारा हटाई जा सकती है। 


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