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Rajasthan: नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म व छेड़छाड़ में 89 फीसद रिश्तेदार या परिचित शामिल

Misbehavior With Girl Child In Rajasthan. राजस्थान के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (क्राइम) का कहना है कि अधिकांश मामलों में बेहद नजदीकी रिश्तेदार ही आरोपित निकले हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 01:34 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 01:34 PM (IST)
Rajasthan: नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म व छेड़छाड़ में 89 फीसद रिश्तेदार या परिचित शामिल
Rajasthan: नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म व छेड़छाड़ में 89 फीसद रिश्तेदार या परिचित शामिल

जागरण संवाददाता, जयपुर। Misbehavior With Girl Child In Rajasthan. राजस्थान में नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म और छेड़छाड़ की घटनाओं को देखते हुए पुलिस द्वारा कराए गए सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सर्वे में सामने आया कि पिछले एक साल में नाबालिग बच्चियों से हुए दुष्कर्म, छेड़छाड़ और हत्या के मामले में 89 फीसद आरोपित या तो रिश्तेदार या फिर परिचित निकले हैं। इनमें से भी नौ फीसद मामलों में सौतेले पिता या भाई को दोषी माना गया है। प्रदेश में सिर्फ 11 प्रतिशत पीड़ित बच्चियां ही ऐसी हैं, जो अनजान लोगों की गंदी नजर से गुजरी है।

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राजस्थान के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (क्राइम) का कहना है कि अधिकांश मामलों में बेहद नजदीकी रिश्तेदार ही आरोपित निकले हैं। सर्वे रिपोर्ट को गंभीरता से देखें तो 18 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों पर बुरी नजर के हालात काफी चिंताजनक है। प्रदेश पुलिस की सिविल राइट्स विंग ने बच्चियों के साथ हुए अपराध के बारे में एक रिपोर्ट तैयार की है। उम्र के हिसाब से सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 0-6 छह वर्ष की बच्चियों के साथ तीन प्रतिशत, छह-12 वर्ष की बच्चियों के साथ 19 प्रतिशत, 13-16 वर्ष की किशोरियों के साथ 46 प्रतिशत और 16 से 18 वर्ष की बच्चियों के साथ 32 प्रतिशत लोगों ने दुष्कर्म किया है।

वहीं, यदि रिश्तों के हिसाब से देखें तो प्रदेश में 37 प्रतिशत नाबालिग बच्चियों के साथ उसके दोस्त या पड़ोसी और 12 प्रतिशत बच्चियों के साथ रिश्तेदारों ने दुष्कर्म या छेड़छाड़ किया है। 40 प्रतिशत बच्चियों के साथ अन्य परिचित व्यक्तियों ने और 11 प्रतिशत बच्चियों के साथ अनजान लोगों ने अत्याचार किया है। इन आंकड़ों में छेड़छाड़ और दुष्कर्म की घटनाएं शामिल हैं। पुलिस के सर्वे से साफ होता है कि यदि बच्चियों के माता-पिता खुद सतर्क रहें और अपने परिचितों पर नजर रखें तो नाबालिग बच्चियों के साथ होने वाली दुष्कर्म व छेड़छाड़ की घटनाओं से बचा जा सकता है। अब पुलिस एक अभियान चलाकर माता-पिता को समझाएगी कि वे बच्चों को गुड और बैड टच के बारे में जानकारी दें, ताकि कुछ हद तक इस पर लगाम लग सके।

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