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Rajasthan: महिला मेजर ने साथी पर लगाया छेड़छाड़ का आरोप, कोर्ट ने दिए जांच के निर्देश

Misbehavior With Major. राजस्थान में महिला मेजर से छेड़छाड़ के मामले में कोर्ट ने जांच के निर्देश दिए हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 07:40 PM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 07:40 PM (IST)
Rajasthan: महिला मेजर ने साथी पर लगाया छेड़छाड़ का आरोप, कोर्ट ने दिए जांच के निर्देश
Rajasthan: महिला मेजर ने साथी पर लगाया छेड़छाड़ का आरोप, कोर्ट ने दिए जांच के निर्देश

जयपुर, जागरण संवाददाता। Misbehavior With Major. राजस्थान में कोटा के भीमगंज पुलिस थाने में सेना की इंजीनियरिंग कोर की महिला मेजर ने अपने साथी मेजर के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने इस मामले में फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगा दी। पीड़िता ने पुलिस के इस निर्णय के खिलाफ कोटा जिला (उत्तर) अतिरिक्त सिविल न्यायिक मजिस्ट्रेट सोनल पारख की कोर्ट में याचिका दायर की। पीड़िता ने पुलिस के निर्णय को चुनौती दी। इस पर कोर्ट ने सुनवाई के बाद पुलिस द्वारा मामले में लगाई गई एफआर को रद कर फिर से जांच करने के निर्देश दिए हैं। घटना के समय पीड़िता की रिपोर्ट में नामजद मेजर वर्तमान में लेफ्टिनेंट कर्नल बन चुका है और वर्तमान में सेना की सप्लाई कोर में इलाहबाद में तैनात है।

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पुलिस पर आरोपित को बचाने का आरोप

पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक आरोपित ने 24 अक्टूबर, 2018 को देर रात उसके फ्लैट में जबरन पहुंच गया और फिर उसके साथ गलत हरकत करने लगा। आरोपित उस समय शराब के नशे में था, पीड़िता के बेडरूम में घुसने की कोशिश कर रहा था। हालांकि आरोपित की मंशा को भांपते हुए पीड़िता उसे धक्का मारते हुए पास में ही रहने वाले एक कर्नल के फ्लैट में पहुंची। इसी दौरान आरोपित खुद को फंसता देखते हुए पीड़िता के घर की छत से कूदकर फरार हो गया। अगले दिन आरोपित अपनी पत्नी के साथ पीड़िता के घर माफी मांगने आया। इस पर पीड़िता ने उसकी बातचीत रिकॉर्ड कर ली। रिकॉडिंग भीमगंज पुलिस थाने को सौंपी और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की जानकरी दी।

पीड़िता ने इस मामले में पुलिस का असहयोग होने का भी आरोप लगाया है। पुलिस ने जांच के दौरान आरोपित को बचाने का प्रयास किया। नामजद रिपोर्ट देने के बावजूद उसे अभियुक्त नहीं बनाया गया। पुलिस ने जांच के बाद पूरे मामले को बंद करने के लिए एफआर लगा दी। पीड़िता की याचिका पर पिछले सप्ताह कोर्ट ने सुनवाई की और इसे रद कर दिया। इस मामले में कोटा पुलिस अधीक्षक से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। 

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