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Lockdown: राजस्थान में ईंधन खत्म होने पर भिगोकर चावल खा रहे प्रवासी श्रमिक

Lockdown लॉकडाउन के कारण राजस्थान में प्रवासी श्रमिक लकड़ियां बीनने बाहर जा नहीं पा रहे हैं। यही वजह है कि वह शासन से आटा के बजाय चावल की मांग कर रहे हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 07:41 PM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 07:41 PM (IST)
Lockdown: राजस्थान में ईंधन खत्म होने पर भिगोकर चावल खा रहे प्रवासी श्रमिक
Lockdown: राजस्थान में ईंधन खत्म होने पर भिगोकर चावल खा रहे प्रवासी श्रमिक

जागरण संवाददाता, जयपुर। Lockdown: लॉकडाउन के दौरान राजस्थान में प्रवासी श्रमिकों को खासी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि ईंधन खत्म होने पर वह मजबूर हो चावल पानी में भिगोकर खा रहे हैं। दरअसल, गैस कनेक्शन है नहीं और केरोसिन मिल नहीं रहा। लॉकडाउन के कारण लकड़ियां बीनने बाहर जा नहीं पा रहे हैं। यही वजह है कि वह शासन से आटा के बजाय चावल की मांग कर रहे हैं।

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करीब 46 दिनों से घरों में कैद प्रवासी श्रमिकों का धर्य अब जवाब देने लगा है। दो दिन से लगातार ये श्रमिक सड़क पर उतर रहे हैं। ये अपने गृह प्रदेश जाना चाहते हैं। गृह प्रदेश जाने तक ये सरकार से चावल की मांग कर रहे हैं। सरकार की तरफ से मिलने वाली राशन की किट एक सप्ताह से इन्हें नहीं मिल रही है। जयपुर के नाहरी का नाका, विद्याधर नगर, जवाहर नगर कच्ची बस्ती,जालुपुरा और झोटवाड़ा में रहने वाले बंगाल के श्रमिकों का कहना है कि सरकार हमें पहले आटा देती थी तो बदले में हम किराने की दुकान से चावल ले लेते थे, लेकिन अब तो सरकार की तरफ से राशन की किट मिलना भी बंद हो गई है।

विद्याधर नगर कच्ची बस्ती में रह रहे बांगल के परिवारों का कहना है कि अब घर में ईंधन खत्म हो गया। गैस कनेक्शन तो पहले ही नहीं था, केरोसिन से स्टोव जलाकर भोजन पकाते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण केरोसीन नहीं मिल रहा है। कुछ परिवार इधर-उधर से लकड़ियां एकत्रित कर के चावल पकाते थे, लेकिन अब घरों से बाहर निकलने पर ही पाबंदी है तो उनका प्रबंध भी कैसे करें। इन परिवारों के लोगों का कहना है कि कई बार तो ऐसा भी हुआ कि चावल को पानी में भिगो कर कच्चा ही खाना पड़ा। खाने के पैकेट बांटने वाले भी अब आना बंद हो गए हैं।

दो दिन से कर रहे प्रदर्शन

चावल और घर पहुंचाने की मांग को लेकर सोमवार को पीडि़त परिवारों ने एकत्रित होकर जयपुर के नाहरी का नाका में हंगामा किया था । मंगलवार को ये परिवार फिर अलग-अलग समूह में एकत्रित हुए और सरकार से मांग करने लगे कि उन्हें घर पहुंचाने का प्रबंधन किया जाए । जब तक उन्हें घर पहुंचाने का प्रबंध होता है, तब तक खाने को चावल दिया जाए ।

जानें, किसने क्या कहा

कुछ जगह लोग आटे के बजाय चावल मांग रहे हैं। व्यवस्था के अनुसार उन्हें उपलब्ध कराया जाता है।

-अमीन कागजी, विधायक।

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जरूरतमंदों को आवश्यक रसद सामग्री पहुंचाई जा रही है। जिला प्रशासन के कर्मचारियों के साथ पुलिसकर्मी लगातार रसद सामग्री पहुंचाने में जुटे हैं। जहां शिकायत मिलती है, वहां तत्काल रसद पहुंचाई जाती है।

-जोगाराम, कलेक्टर, जयपुर।

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