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MiG 21 Aircraft Crashed: बाड़मेर में वायुसेना का मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त, पायलट सुरक्षित

MiG 21 Bison fighter aircraft crashed प्रशिक्षण उड़ान के दौरान यह हादसा हुआ। उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। गिरते हुए मिग-21 में आग लगने से अफरातफरी मच गई। अभी तक दुर्घटना के अधिकारिक कारणों का पता नहीं चल सका है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 25 Aug 2021 06:32 PM (IST)Updated: Wed, 25 Aug 2021 07:43 PM (IST)
MiG 21 Aircraft Crashed: बाड़मेर में वायुसेना का मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त, पायलट सुरक्षित
वायुसेना का मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त, पायलट सुरक्षित। फाइल फोटो

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर जिले में वायुसेना का मिग-21 बाइसन विमान बुधवार शाम को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में पायलट सुरक्षित बच गया। पायलट ने विमान में गड़बड़ी की आशंका होते ही इजेक्ट कर लिया। प्रशिक्षण उड़ान के दौरान यह हादसा हुआ। उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। गिरते हुए मिग-21 में आग लगने से अफरातफरी मच गई। अभी तक दुर्घटना के अधिकारिक कारणों का पता नहीं चल सका है। पुलिस और जिला प्रशासन ने तकनीकी खराबी आने की बात कही है। वायुसेना ने विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने को लेकर कोर्ट आफ इन्क्वायरी के आदेश जारी किए हैं। विमान ने उत्तर लाई एयरबेस से उड़ान भरी और 35 किलोमीटर दूर करीब साढ़े पांच बजे मातासर गांव में खेत में गिर गया।

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गिरते समय विमान में आग लग गई। जिस खेत में विमान गिरा, वहां बने कच्चे घर के कुछ हिस्से में आग लग गई। विमान गिरने के बाद आग की चिंगारी घर तक जाने के कारण आग लगने की बात सामने आई है। बाड़मेर जिला पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड को मौके पर भेजा गया। ग्रामीणों ने भी पानी डालकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया। वायुसेना और पुलिस के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। जिला कलेक्टर लोकबंधु वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि विमान क्रैश होने के बाद एक खेत में गिर गया। खेतों में काम कर रहे किसानों ने विमान को गिरते हुए देखा। किसानों ने पायलट को पानी पिलाया और जलते हुए विमान पर पानी भी डाला। किसानों ने बताया कि विमान गिरने के बाद काफी तेज धमाके की आवाज हुई। ऐसे लगा कि जैसे बम फटा हो। उल्लेखनीय है कि मिग-21 दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाएं पहले भी कई बार सामने आई हैं।

इससे पहले भिंड जिले में स्थित चौधरी का पुरा गांव में 25 सितंबर 2019 को भी मिग-21 दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। हादसा खेत में हुआ था। मिग-21 लड़ाकू विमान की सबसे उन्नत तकनीक बायसन विमान है, जो मार्च, 2021 में ग्वालियर एयरबेस पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। 25 सितंबर, 2019 को महाराजपुरा वायुसेना स्टेशन से उड़ान भरने के बाद 30 मिनट बाद मिग-21 चौधरी का पुरा गांव में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे के बाद वायुसेना की ओर से कोर्ट आफ इंक्वायरी के आदेश जारी हुए थे। हादसे में बालाकोट एयर स्ट्राइक में शामिल रहे ग्रुप कैप्टन यशपाल सिंह नेगी व स्क्वाड्रन लीडर शिवानंद घायल हो गए थे। दोनों को हेलीकाप्टर से एयर लिफ्ट कर मुरार में सेना के अस्पताल में भिजवाया गया था।

मिग-21 श्रेणी का उन्नत लड़ाकू विमान है बायसन

मिग-21 बायसन आधुनिक हथियारों से लैस मिग-21 सीरीज का सबसे उन्नत लड़ाकू विमान है। भारतीय वायुसेना ने पहली बार वर्ष 1960 में मिग-21 विमानों को अपने बेड़े में शामिल किया था। मिग-21 बायसन में एक बड़ा सर्च एंड ट्रैक रडार लगा है, यह रडार नियंत्रित मिसाइल को संचालित करता है और रडार गाइडेड मिसाइलों का रास्ता तय करता है। इसमें बीवीआर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जो आखों से ओझल मिसाइलों के खिलाफ सामान्य, लेकिन घातक लड़ाकू विमान की युद्ध क्षमता के काबिल बनाता है। इन लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल किए गए इलेक्ट्रानिक और इसकी काकपिट उन्नत किस्म की होती है। मिग-21 बायसन, ब्राजील के अपेक्षाकृत नए एफ-5 इएम फाइटर प्लेन के समान है। मिग-21 बायसन सुपरसोनिक लडाकू जेट विमान है जो लंबाई में 15.76 मीटर और चौड़ाई में 5.15 मीटर है। बिना हथियारों के ये करीब 5200 किलोग्राम को होता है, जबकि असलहा लोड होने के बाद करीब आठ हजार किलोग्राम तक के वजन के साथ उड़ान भर सकता है। सोवियत रूस के मिकोयान-गुरेविच डिजाइन ब्यूरो ने इसे 1959 में बनाना शुरू किया था।

1961 में भारत ने मिग विमानों को रूस से खरीदने का फैसला किया था। बाद में और बेहतर बनाने की प्रक्रिया चलती रही और इसी क्रम में मिग को अपग्रेड कर मिग-बाइसन सेना में शामिल किया गया। यह हल्का सिंगल पायलट लड़ाकू विमान है और 18 हजार मीटर तक की ऊंचाई पर उड़ सकता है। इसकी रफ्तार अधिकतम 2230 किलोमीटर प्रति घंटा तक है। ये आसमान से आसमान में मार करने वाली मिसाइलों के साथ-साथ बम ले जा सकने में सक्षम है। वर्ष 1965 और 1971 में हुए भारत पाक युद्ध में मिग-21 विमानों का इस्तेमाल हुआ था। वर्ष 1971 में भारतीय मिग ने चेंगडु एफ विमान (ये भी मिग का ही एक और वेरियंट था, जिसे चीन ने बनाया था) को गिराया था। उड़ता ताबूत के नाम से बदनाम है मिग-21 इंडियन एयरफोर्स में उड़ते ताबूत के नाम से बदनाम मिग-21 काफी पुराना हो चुका है। इसे तेजस से बदलने की मांग भी की जा चुकी है।


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