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Rajasthan: मेवाड़ भील कोर के जवान सीखेंगे गुलेल चलाना

Rajasthan एमबीसी के जवानों को आदिवासी क्षेत्र की पहाड़ियों पर दौड़कर चढ़ने के अलावा गोफण चलाने का प्रशिक्षण जल्द शुरू किया जाएगा। इसके लिए पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। गोफण के जरिए वह भी उसी तरह पत्थर फेंक पाएंगे जिस तरह यहां का आदिवासी हमला करते हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 08:01 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 08:01 PM (IST)
Rajasthan: मेवाड़ भील कोर के जवान सीखेंगे गुलेल चलाना
मेवाड़ भील कोर के जवान सीखेंगे गुलेल चलाना। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान में पिछले महीने उदयपुर और डूंगरपुर बार्डर पर चले हिंसक आदिवासी आंदोलन से सबक लेते हुए पुलिस को पहाड़ियों पर आसानी से चढ़ने और गोफण यानी गुलेल चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए पहले चरण में मेवाड़ भील कोर (एमबीसी) के जवानों को यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। उसके अगले चरण में रिजर्व पुलिस बल और आदिवासी क्षेत्र में तैनात पुलिस बल को प्रशिक्षण दिया जाना है। एमबीसी के जवानों को आदिवासी क्षेत्र की पहाड़ियों पर दौड़कर चढ़ने के अलावा गोफण चलाने का प्रशिक्षण जल्द शुरू किया जाएगा। इसके लिए पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। गोफण के जरिए वह भी उसी तरह पत्थर फेंक पाएंगे, जिस तरह यहां का आदिवासी हमला करते हैं।

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इसलिए पड़ी जरूरत

पुलिस के जवानों को पहाड़ियों पर चढ़ने और गोफण चलान की जरूरत को लेकर पुलिस महानिरीक्षक बिनिता राठौड़ बताती है कि आदिवासियों के चले हिंसक आंदोलन के दौरान यह महसूस किया गया कि पुलिस के जवान आदिवासी युवकों के मुकाबले पहाड़ियों पर दौड़कर चढ़ने और गोफण के जरिए पथराव करने में ज्यादा सक्षम हैं। इसके चलते आंदोलन को हिंसक होने से पहले ही नहीं दबाया जा सका। इससे आंदोलन से यह सबक लिया गया कि पुलिस के जवान आदिवासी युवाओं के मुकाबले बेहतर प्रशिक्षित होने चाहिए, ताकि किसी भी तरह की हिंसा, अपराध या कानून व्यवस्था की बहाली में पुलिस सक्षम रह सके।

खेरवाड़ा में दी जाएगी ट्रेनिंग

बताया गया कि शुरुआत में राजस्थान में उदयपुर जिले के खेरवाड़ा में एमबीसी के जवानों को यह ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें एमबीसी के प्रत्येक जवान को भाग लेना होगा। एमबीसी का मुख्यालय खेरवाड़ा है तथा आदिवासी बहुल इलाका तथा आदिवासी आंदोलन के दौरान खेरवाड़ा के प्रभावित होने पर इस क्षेत्र की पहाड़ियों को प्रशिक्षण स्थल के रूप में चयनित किया गया है। इसके बाद उदयपुर के रिजर्व पुलिस बल और डूंगरपुर जिले की पुलिस को भी इसी तरह ट्रेनिंग दी जाएगी। 


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