कला भी है गणेश की इबादत का माध्यम, मेहर अली अब्बासी बना चुके है 5000 गणेश की पेंटिंग्स
उम्र के सत्तर दशक पार कर चुके जोधपुर निवासी अब्बासी को गणेश ने इतना प्रभावित किया कि अपने जीवन काल में पांच हजार से अधिक केवल गणेश की पेंटिंग का कलेक्शन संजोए हुए है।
रंजन दवे, जोधपुर। ganesh chaturthi 2019 कला भी एक प्रकार की साधना है ,और यदि इबादत का माध्यम ही कला बन जाए तो ऐसी कला और कलाकार लोगों के जहन में अपनी अमिट छाप छोड़ते हैं। केवल कहने को ही नहीं, इस बात को हकीकत में बयान किया है जोधपुर के वयोवृद्ध चित्रकार सैयद मेहर अली अब्बासी ने। उम्र के सत्तर दशक पार कर चुके जोधपुर निवासी अब्बासी को गणेश ने इतना प्रभावित किया कि अपने जीवन काल में पांच हजार से अधिक केवल गणेश की पेंटिंग का कलेक्शन संजोए हुए है। सैयद मेहर अली अब्बासी का ये गणेश प्रेम हिन्दू मुस्लिम भावना से ऊपर कला को धर्म रूप में स्थापित करने का जीवंत प्रमाण है।
अब्बासी लगभग 50 वर्षों से पेंटिंग और क्राफ्ट के काम कर रहे हैं । विश्वविद्यालय से रिटायर होने के बाद अब वह रोज करीब 18 घंटे कला की साधना को देते हैं । वह उन्होंने 10, 000 से भी ज्यादा पेंटिंग और क्राफ्ट के काम किए हैं। इनमें से करीब 5000 तो अकेले गणेश पर हैं। उनका कहना है कि उनकी अधिकतर गणेश वाली पेंटिंग ही बिकी हैं।
राष्ट्रीय अंतररास्ट्रीय कला दीर्घाओं समेत कला जगत के कद्रदान भी उनके गणेश प्रेम के ही मुरीद हैं।इसके लिए उन्होंने हिंदू माइथोलॉजी का भी गहराई से अध्ययन किया है, और अब अध्ययन को चित्र संयोजन के माद्यम से आकार देते हुए उनको खुसी होती है। बकोल मेहर अली अब्बासी शुरुआत इतनी आसान नही रही ,लेकिन लगातार काम के प्रति समर्पण ने कब 70 दशक पार किये इसका आभास ही नही हुआ।
मेहर अली ने हर एंगल से और हर माध्यम में गणेश की कृतियों को नए - नए रूप दिए हैं
गणेश की स्तुति में कला को माध्यम बना दर्शन के साथ हिंदू माइथोलॉजी को भी मेहर अली ने बखूबी दिखाया है।मेहर अली की एक और कलाकृति - तांत्रिक पेंटिंग भी बहुत मशहूर है । उनकी कला में ट्रायंगल , स्क्वायर और सर्किल को मिलाकर नया रूप दिया गया है । कलर संयोजन का भी कमाल का इस्तेमाल इसमें दिखता है ।
कहीं रेखाओं से , कहीं बिंदुओं से और कभी रंगों के समावेश से तांत्रिक रूपों ने जन्म लिया है
मेहर अली अब्बासी ने लगभग 30 ग्रुप शो में हिस्सा लिया है । वह 15 एकल प्रदर्शनी भी कर चुके हैं । वही मकबूल फिदा हुसैन के संपर्क में रहने के साथ साथ राजस्थान के प्रसिद्ध चित्रकारों में शुमार अब्बासी की इच्छा जोधपुर में कला प्रेमियों के लिए एक उमदा कला वीथिका खोलने की है, जहां नोवोदित कलाकार अपना काम दिखा सके। इसके लिए भी वे गणेश का वंदन कर रहे है, वो भी खास अपने कला के अंदाज में।