राजस्थान के पांच जिलों पर टिड्डी दलों का हमला, सरकार ने सर्वे करने के लिए 138 टीमें लगाई
टिड्डी दलों का हमला झेल चुके राजस्थान के सरहदी जिले एक बार फिर टिड्डी दलों के हमलों से परेशान है। सरकार ने प्रभावित इलाकों का सर्वे करने के लिए 138 टीमें लगाई है।
जयपुर, राज्य ब्यूरो। पिछले वर्ष के अंत में टिड्डी दलों का हमला झेल चुके राजस्थान के सरहदी जिले एक बार फिर टिड्डी दलों के हमलों से परेशान है। फिलहाल राजस्थान के पांच जिले श्रीगंगानगर, बाडमेर, जोधपुर, नागौर और अजमेर टिडडी दलों से प्रभावित है। सरकार ने प्रभावित इलाकों का सर्वे करने के लिए 138 टीमें लगाई है।
राजस्थान में पिछले वर्ष के अंत में पाकिस्तान से आए टिड्डी दलों ने जम कर नुकसान किया था और सरहदी जिलों की में लाखों हैक्टेयर क्षेत्र की फसल बर्बाद हो गई थी। अब फिर एक बार राजस्थान के पाकिस्तानी सीमा से लगते जिलों पर टिड्डी दलों का प्रकोप दिख रहा है। इस बार ये टिड्डी दल सरहदी जिलों से आगे बढ़ कर अजमेर यानी राजस्थान के मध्य तक पहुंच गए है। दो दिन पहले अजमेर और पुष्कर तक इन टिड्डी दलों को देखा गया।
टिड्डी दलों के इस बेमौसम हमले ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। हालाकि अभी खेतों में बड़ी फसल नहीं है और रबी की तैयार फसल की कटाई और इसे मंडियों तक पहुंचाने का काम चल रहा है। इसके साथ ही किसान ने खरीफ की तैयारी भी शुरू कर दी है।
राजस्थान के कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि राज्य के गंगानगर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर एवं अजमेर जिले टिड्डी से प्रभावित है। प्रभावित क्षेत्र में 138 सर्वे टीम लगी हुई है। टिड्डी चेतावनी संगठन की ओर से 45 गाड़ियों के माध्यम से कीटनाशक स्प्रे का कार्य किया जा रहा है।
वहीं मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने केन्द्रीय कृषि सचिव को पत्र लिखकर सर्वे एवं कीटनाशक छिड़काव के लिए अतिरिक्त वाहन, हवाई स्प्रे के लिए ड्रोन तथा अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव की ओर से सभी प्रभावित जिलों के कलक्टर को भी प्रभावी टिड्डी नियंत्रण के लिए पत्र लिखा जा रहा है।
राजस्थान के कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया ने बताया कि राज्य सरकार हरसंभव संसाधन उपलब्ध करा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने टिड्डी चेतावनी संगठन को 40 गाड़ियां उपलब्ध कराई है। 600 ट्रेक्टर किराए पर लेने की स्वीकृति जारी की गई है।
कटारिया ने अधिकारियों को प्रभावी सर्वे कर टिड्डी नियंत्रण करने के निर्देश दिए। विभाग की ओर से टिड्डी नियंत्रण के लिए कुछ वीडियो भी तैयार किए गए है जो प्रभावित क्षेत्रों के किसानों के बीच सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित किए जा रहे है, ताकि किसान इन्हें अपने स्तर पर भी टिडडी दलों को नियंत्रित कर सकें।