Move to Jagran APP

Rajasthan: नाहरगढ़ जैविक उद्यान में शेर 'कैलाश' की मौत

Rajasthan नाहरगढ़ जैविक उद्यान की लॉयन सफारी में एक शेर की रविवार को मौत हो गई। जयपुर चिड़ियाघर के उपवन संरक्षक (वन्यजीव) उपकार बोराना ने बताया कि चार साल के शेर कैलाश की रविवार सुबह मौत हो गई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 08:42 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 08:42 PM (IST)
Rajasthan: नाहरगढ़ जैविक उद्यान में शेर 'कैलाश' की मौत
नाहरगढ़ जैविक उद्यान में शेर कैलाश की मौत।

जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: जयपुर के नाहरगढ़ जैविक उद्यान की लॉयन सफारी में एक शेर की रविवार को मौत हो गई। जयपुर चिड़ियाघर के उपवन संरक्षक (वन्यजीव) उपकार बोराना ने बताया कि चार साल के शेर 'कैलाश' की रविवार सुबह मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि शनिवार शाम भोजन के बाद शेर ने उल्टी की थी। पशु चिकित्सक ने उसका उपचार किया और रातभर देखभाल की, लेकिन रविवार सुबह उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि तीन पशु चिकित्सकों की एक मेडिकल बोर्ड ने शेर के शव का पोस्टमार्टम किया और बोर्ड की प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, शेर की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। बोराना ने बताया कि शेर की मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए उसके विभिन्न अंगों के नमूने लिए गए, जिन्हें जांच के लिए बरेली स्थित भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान भेजा गया है। 

loksabha election banner

इससे पहले अगस्त में जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में मंगलवार को सफेद बाघ "राजा" की मौत हो गई थी। यह बाघ पिछले सप्ताह से बीमार चल रह रहा था। बाघ राजा की एक अगस्त को अचानक ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर उसके रक्त के नमूने इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (आइवीआरआइ) बरेली भेजे गए थे। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के अतिरिक्त वन्यजीव अधिकारी जगदीश गुप्ता ने बताया कि एक अगस्त को राजा के पेशाब से खून आने लगा था। इसके बाद आइवीआरआइ के वैज्ञानिकों की सलाह पर उसे नियमित दवा दी जा रही थी, लेकिन सफेद बाघ किडनी की बीमारी से उबर नहीं पाया और आज दम तोड़ दिया। हालांकि मौत के कारणों का स्पष्ट पता पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद चलेगा। मौत का प्रारंभिक कारण किडनी खराब होना ही माना जा रहा है।

रविवार को प्रदेश के ही मुकंदरा टाइगर रिजर्व में बाघिन एमटी-2 की मौत हुई थी । उसकी मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पिछले दिनों दो शावकों के जन्म की खुशखबरी देने वाली बाघिन की मौत से तमाम सवाल उठ रहे हैं। जानकारी के अनुसार पिछले चार दिन से बाघिन नजर नहीं आ रही थी। उसकी लोकेशन भी एक ही जगह आ रही थी। यह भी संभव है कि बाघिन की मौत हुए 2 से 3 दिन हो गए हो, हालांकि रिजर्व प्रशासन सोमवार को ही मौत होने की बात कह रहा है। इस घटना से हड़कंप मचा हुआ है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर सोमवार को मुकुंदरा पहुंचे। वहीं एक टीम दिल्ली से नेशनल टाइगर अथॉरिटी की भी आ रही है, जो पूरे मामले की तफ्तीश करेगी।

पिछले दिनों बाघिन के दोनों शावक लापता हो गए थे, उनमें से एक तो मिल गया है, लेकिन दूसरे का अभी तक सुराग नहीं लग पाया है। उसकी तलाश जारी है। वन विभाग को उम्मीद है कि जल्द ही दूसरे शावक का भी मूवमेंट मिल जाएगा। करीब 10 दिन पहले 23 जुलाई को ही यहां बाघ एमटी-3 की मौत हुई थी। उसकी मौत का कारण फेफड़ों में संक्रमण बताया गया था। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व प्रशासन जानकारियां छिपाने में पहले भी बदनाम रहा है। बाघ एमटी-3 की मौत के समय भी उसने गलतियों पर पर्दा डाल दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.