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Rajasthan: चित्तौड़गढ़ दुर्ग स्थित कीर्ति स्तंभ पर तीन दिन में दूसरी बार गिरी आकाशीय बिजली

Rajasthan चित्तौड़गढ़ दुर्ग के अंदर तेरहवीं सदी में बने कीर्ति स्तंभ पर तीन दिन में दूसरी बार आकाशीय बिजली गिरी। दूसरी बार गिरी बिजली से स्मारक के झरोखे को नुकसान पहुंचा है लेकिन विश्व धरोहर के संरक्षण को लेकर चिंता गहराने लगी है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 02:45 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 02:45 PM (IST)
Rajasthan: चित्तौड़गढ़ दुर्ग स्थित कीर्ति स्तंभ पर तीन दिन में दूसरी बार गिरी आकाशीय बिजली
चित्तौड़गढ़ दुर्ग स्थित कीर्ति स्तंभ पर तीन दिन में दूसरी बार गिरी आकाशीय बिजली। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। विश्व धरोहर में शुमार चित्तौड़गढ़ दुर्ग के अंदर तेरहवीं सदी में बने कीर्ति स्तंभ पर तीन दिन में दूसरी बार आकाशीय बिजली गिरी। दूसरी बार गिरी बिजली से स्मारक के झरोखे को नुकसान पहुंचा है, लेकिन विश्व धरोहर के संरक्षण को लेकर चिंता गहराने लगी है। घटना के बाद जहां जिला कलेक्टर ने मौका निरीक्षण कर पुरातत्व विभाग के रवैये को लेकर नाराजगी जताई, वहीं जैन समाज ने कहा कि यदि वह ऐतिहासिक स्मारक का संरक्षण नहीं कर पा रहे तो समाज के हवाले कर दें। बताया गया कि गुरुवार को भी कीर्ति स्तंभ पर आकाशीय बिजली गिरी थी। उस समय पुरातत्व विभाग का गार्ड मनीष कलाल पास ही मंदिर के यहां के ड्यूटी दे रहा था। अचानक तेजी से गिरी बिजली से उसकी आंखें चौंधिया उठी। उसने संभलने के बाद उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। इससे पहले मंगलवार रात को भी कीर्ति स्तंभ पर बिजली गिरी थी और गुरुवार सुबह जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने पुरातत्व विभाग के वरिष्ठ संरक्षण सहायक रतन जीतरवाल के साथ कीर्ति स्तंभ का जायजा लेकर हुए नुकसान की जानकारी ली। उन्होंने तड़ित चालक नहीं लगे पर होने पर नाराजगी भी जताई।

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आठ साल पहले तड़ित चालक का तार चुरा ले गए चोर, तब से दूसरा नहीं लगाया

बताया गया कि कीर्ति स्तंभ पर पुरातत्व विभाग ने तड़ित चालक लगवा रखा था, लेकिन आठ साल पहले चोरों ने उसका तांबे का तार चुरा लिया था। जिसके बाद नया तार नहीं लगाया गया। जैन समाज उसके बार हर बारिश से पहले नया तड़ित चालक लगवाने के लिए विभाग से मांग करता रहा, लेकिन तड़ित चालक नहीं लगवाया गया।

बेहद खास स्मारक है कीर्ति स्तंभ

कीर्ति स्तंभ ऐतिहासिक व विश्व धरोहर में शामिल बेहद खास स्मारक है। सात मंजिला 22 मीटर ऊंचे इस स्तंभ का निर्माण भगेरवाल जैन व्यापारी जीजाजी कथोड ने बारहवीं सदी में कराया था। यह प्रथम जैन तीर्थंकर, आदिनाथ को समर्पित है। दीवारों पर सुंदर नक्काशी और गलियारों के साथ कीर्ति स्तंभ की वास्तुकला सोलंकी शैली की है। श्री दिगंबर जैन मंदिर प्रबंधक समिति के अध्यक्ष महेंद्र टोंगिया बताते हैं कि दुर्ग स्थित कीर्ति स्तंभ जैन समाज का महान स्तंभ है। इस स्तंभ पर एक हजार से अधिक प्रतिमाएं हैं, जिनका जैन उपासना को लेकर अत्यधिक धार्मिक महत्व है।  


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