Rajasthan: जानिए, राजस्थान में कांग्रेस विधायकों व नेताओं में क्यों बढ़ रहा असंतोष
Rajasthan विधायकों व नेताओं ने खुलकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन के सामने अपने गुस्से का इजहार किया। बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायकों ने तो माकन को यहां तक कह दिया कि यहां आकर उन्होंने बड़ी गलती कर दी।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। Rajasthan: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां नहीं होने से कांग्रेस विधायकों व नेताओं में असंतोष बढ़ता जा रहा है। विधायकों व नेताओं ने खुलकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन के सामने अपने गुस्से का इजहार किया। बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायकों ने तो माकन को यहां तक कह दिया कि यहां आकर उन्होंने बड़ी गलती कर दी। कांग्रेस में शामिल करते समय उन्हें शीघ्र मंत्री बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन दो साल हो गए, अब तक ना जो मंत्री बनाए गए और ना ही राजनीतिक नियुक्तियां हुईं। विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने माकन से कहा कि शादी जवानी में होनी चाहिए, बुढ़ापे में शादी का कोई अर्थ नहीं होता, जवानी निकल रही है, कारण चाहे कुछ भी हो।
उन्होंने कहा कि सरकार को दो साल हो गए, अब तीन साल बचे हैं, अगर अब भी मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हुआ तो फिर आगे क्या फायदा। गुढ़ा ने "दैनिक जागरण" को बताया कि हम चार विधायक माकन से मिले, अब भी अगर सरकार में फैसले नहीं हुए तो फिर आगे करने से कोई लाभ नहीं होगा, कांग्रेस को नुकसान हो रहा है। माकन से शनिवार को कोटा में कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं ने सरकार में ब्यूरोक्रेसी के हावी होने, सरकार में कोई काम नहीं होने,कार्यकर्ताओं को सत्ता में भागीदारी नहीं मिलने को लेकर शिकायत की। इन नेताओं ने कहा कि गहलोत सरकार बने दो साल हो गए, लेकिन अब तक भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पृष्ठभूमि के अधिकारी महत्वपूर्ण पदों पर लगे हुए हैँ।
मंत्री कांग्रेसियों से मिलते ही नहीं है। इन नेताओं ने कहा कि अगर यही हालात रहे तो तीन साल बाद विधानसभा चुनाव में पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। माकन के साथ मौजूद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल व कृषि मंत्री लालचंद कटारिया को कांग्रेसियों ने जमकर खरी-खोटी सुनाई। कांग्रेसियों ने भरत सिंह को मंत्री बनाने, मंत्रियों को जनसुनवाई के निर्देश देने और पिछली भाजपा सरकार के समय पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के खिलाफ विभिन्न मामलों को लेकर दर्ज हुए मुकदमें वापस लेने की मांग की। कांग्रेसियों से फीडबैक लेने के लिहाज से माकन शुक्रवार को प्रदेश के दौरे पर आए। शुक्रवार को पहले जयपुर और फिर शनिवार को कोटा में कांग्रेसियों ने माकन के सामने भड़ास निकाली।
मंत्रिमंडल में 10 पद हैं रिक्त
दो साल पुरानी गहलोत सरकार में कैबिनेट और राज्यमंत्री मिलाकर कुल संख्या 20 है। इससे पहले 23 दिसंबर, 2018 को गहलोत सरकार बनी थी तो 13 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्री बनाए गए थे। लेकिन पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय उनके अतिरिक्त विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा को बर्खास्त कर दिया गया था। 200 सदस्यीय विधानसभा के 15 फीसदी के हिसाब से 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में संख्या 20 है अब 10 और बनाए जाने हैं। प्रदेश में सभी बोर्ड व निगमों में राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं, लेकिन अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच चल रही खींचतान के कारण यह काम अटका पड़ा है। इस कारण कांग्रेसियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है।