Move to Jagran APP

Rajasthan Rain: जानें, राजस्थान में क्यों हुई भारी बारिश; कैसे बने बाढ़ जैसे हालात

Rajasthan Rain जयपुर में सात घंटे लगातार बारिश से पूरा शहर पानी-पानी हो गया। भारी बारिश से पहले भी कई बाहर राजस्थान के कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 04:33 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 04:57 PM (IST)
Rajasthan Rain: जानें, राजस्थान में क्यों हुई भारी बारिश; कैसे बने बाढ़ जैसे हालात
Rajasthan Rain: जानें, राजस्थान में क्यों हुई भारी बारिश; कैसे बने बाढ़ जैसे हालात

जयपुर, जेएनएन। Rajasthan Rain: राजस्थान की राजधानी जयपुर में शुक्रवार को इतनी ज्यादा बारिश हुई कि लोग इसे जलपुर कहने लगे। लगातार सात घंटे की मूसलाधार बारिश के कारण सड़कें, पार्क और गलियां जलमग्न हो गईं। ऐसा लगा जैसे आप जयपुर में नहीं बल्कि किसी तालाब का नजारा देख रहे हैं। जयपुर के अलावा राज्य के दूसरे शहरों में भी भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। आने वाले दिनों में भी राज्य के विभिन्न जिलों में तेज बारिश का अनुमान है।

prime article banner

आखिर जयपुर के साथ राजस्थान के दूसरे जिलों में इतनी बारिश क्यों हो रही है? मौसम विभाग के अनुसार इस सामान्य से ज्यादा बारिश का कारण बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात, निम्न दाब की हवाएं और नमी बताया जा रहा है। दरअसल, इस समय राज्य में एक साथ चार सिस्टम सक्रिय हैं। मानसून की ट्रफ लाइन हिमालय की तराई से नीचे की ओर आ गई। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बना। अरब सागर से मजबूत दक्षिण-पश्चिम हवा आई और राजस्थान पर मौसम का तंत्र विकसित होने से भारी बारिश हुई है। प्रदेश में आगामी दिनों में भी भारी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में बन रहे सर्कुलेशन और निम्न दाब के क्षेत्र के चलते अगले दो सप्ताह तक प्रदेश में अच्छी बारिश हो सकती है। साथ ही, दो से तीन दिनों के दौरान अरब सागर से मजबूत दक्षिण पश्चिमी हवाओं के आने की संभावना रहेगी। 

जयपुर में शुक्रवार को सात घंटे लगातार बारिश हुई। इस दौरान 132 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। ऐसी बारिश जयपुर में लंबे समय बाद हुई है। राजस्थान में इस बार अभी तक औसत से कम बारिश हुई थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों में अच्छी बारिश हुई है। बारिश के आंकड़ों में सुधार हो रहा है। तेज बारिश की वजह से शहर में बाढ़ के हालात बन गए हैं। प्रदेश में इससे पहले भी कई बार कई जिलों में भारी बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं।

अगस्त, 2019 में भी बने बाढ़ जैसे हालात

राजस्थान में पिछले साल भी अगस्त में भारी बारिश हुई थी। प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात थे। नदी-नाले उफान पर थे। गांवों में पानी भर गया था। प्रदेश के पर्यटन स्थल माउंट आबू और पुष्कर में निचले इलाकों में बने होटल एवं रिसॉर्ट पर्यटकों से खाली कराने पड़े थे। बारिश से हुए हादसों में पिछले पांच दिनों में छह लोगों की मौत हुई थी।

जुलाई, 2019 में भारी बारिश से दस लोगों की गई जान

प्रदेश में पिछले साल जुलाई में बारिश के कारण करीब 10 लोगों की मौत हो गई। प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक दर्जन बांध टूटने के कारण निचले इलाकों में पानी ही पानी हो गया। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए सरकार ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए। कोटा में मूसलाधार बारिश के कारण कोटा बैराज के तीन गेट खोले गए। इनसे 11 हजार क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा गया। सीकर, टोंक, झुझुनू और जयपुर जिले के चाकसू में बारिश से हालात विकट हो गए थे। इन क्षेत्रों में बाढ़ के हालात बने गए थे।

अगस्त, 2018 में बेणेश्वर धाम में बाढ़ के हालात

भारी बारिश के चलते राजस्थान के कोटा और आदिवासियों के प्रमुख धार्मिक स्थल बेणेश्वर धाम में बाढ़ के हालात हैं। प्रदेश के बांसवाड़ा जिले में पिछले 35 घंटों से बारिश हुई। बांसवाड़ा शहर में पिछले 24 घंटों में 6 इंच बारिश हुई थी। बांसवाड़ा में हेरो नदी उफान पर होने के कारण घाटोल-गनोड़ा मार्ग बंद हो गया है। भारी बारिश के चलते आदिवासियों का प्रमुख धार्मिक स्थल बेणेश्वर धाम टापू बन गया है। यहां बाढ़ के हालात थे। कोटा बैराज के गेट खोले जाने के बाद चंबल नदी उफान पर थी। बारां में परवन नदी उफान पर थी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.