Rajasthan: जयुपर में फिरौती के लिए अगवा बच्चे की मौत, आरोपित गिरफ्तार
Rajasthan आसिफ ने बताया कि वो पतंग दिलाने के बहाने बच्चे अरसलान कुरैशी को अपने साथ ले गया। बच्चे को मारने के लिए उसने पहले सोचा नहीं था। वह बच्चे को अगवा कर उसके पिता से पैसे मांगना चाहता था लेकिन इससे पहले ही बच्चे की मौत हो गई।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan: राजस्थान में जयपुर के आमेर इलाके में तीन दिन पहले पतंग उड़ाते समय लापता हुए 11 साल के एक बच्चे की हत्या कर दी गई। बच्चे का शव सोमवार का उसके घर से कुछ ही दूर एक सूने मकान में प्लास्टिक के बोरे में मिला। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इनमें से एक आसिफ ने वारदात करना कबूत किया, जिसे गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में आसिफ ने बताया कि वो पतंग दिलाने के बहाने बच्चे अरसलान कुरैशी को अपने साथ ले गया। बच्चे को मारने के लिए उसने पहले सोचा नहीं था। वह बच्चे को अगवा कर उसके पिता से पैसे मांगना चाहता था, लेकिन इससे पहले ही बच्चे की मौत हो गई। उसने केवल बच्चे को प्रताड़ित किया था।
उसने बताया कि वह 15 जनवरी को दोपहर में बच्चे को अपने साथ ले गया था। उसके हाथ-पैर बांधकर मुंह में कपड़ा ठूसकर एक मकान में बच्चे को पटक दिया था। शाम को देखा तो बच्चे की मौत हो चुकी थी। इसके बाद उसने शव को मकान की छत पर रखकर उस पर ईंट जमा दी थी। पुलिस के अनुसार, घटना की जानकारी मिलने पर बच्चे की तलाशी शुरू की गई। तलाश में सामने आया कि बच्चे को आखिरी बार आसिफ के साथ देखा गया था। इस पर उसे हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने वारदाता करना कबूल किया। जयपुर पुलिस के डीसीपी नॉर्थ पारिस देशमुख ने बताया कि इस मामले में बच्चे के पिता शकील ने मामला दर्ज कराया था।
गौरतलब है कि राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शुक्रवार को डूंगरपुर जिले के कोतवाली थाने के सहायक उप निरीक्षक को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था। यह राशि उसने छेड़खानी के दर्ज मामले में एफआर लगाने की एवज में ली थी। ट्रेप की कार्रवाई राजसमंद की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो टीम ने की थी। डूंगरपुर जिले के कोतवाली थाने के सहायक उप निरीक्षक प्रताप सिंह के खिलाफ डूंगरपुर शहर के क्षितिज जैन ने राजसमंद स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के समक्ष की थी। बताया गया कि उसके खिलाफ कोतवाली थाने में छेड़खानी का मामला दर्ज हुआ था, जिसके जांच अधिकारी सहायक उप निरीक्षक प्रताप सिंह थे।