ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 806 वां उर्स शुरू
अजमेर स्थित विश्वप्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह का 806 वां उर्स बुधवार से बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने के साथ ही अनौपचारिक रूप से शुरू हुआ।
जयपुर, जागरण संवाददाता। अजमेर स्थित विश्वप्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह का 806 वां उर्स बुधवार से बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने के साथ ही अनौपचारिक रूप से शुरू हुआ। प्राचीन परम्परा के अनुसार भीलवाड़ा के गौरी परिवार के सदस्यों ने झंडा चढ़ाने की रस्म अदा की ।
गौरी परिवार वर्ष 1944 से यह रस्म निभाता आ रहा है । झंडा चढ़ाने के साथ ही दरगाह से कुछ दूर स्थित बड़े पीर साहब की पहाड़ी से 25 तापों की सलामी दी गई। उर्स की विधिवत शुरूआत रजब का चांद दिखने पर 18 या 19 मार्च को होगी । उर्स में शामिल होने के लिए जायरीनों का आना शुरू हो गया । इस बार पाकिस्तानी जायरीनों के उर्स में शामिल होने को लेकर असमंजस के हालात बने हुए हैं। दरगाह कमेटी का कहना है कि हर वर्ष पाकिस्तानी जायरीनों के उर्स में शामिल होने के लिए आने की सूचना काफी पहले ही दरगाह कमेटी और जिला प्रशासन को मिल जाती है,लेकिन इस बार अब तक किसी प्रकार की सूचना नहीं मिली ।
प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी उर्स में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से जायरीनों के आने की संभावना को देखते हुए उनके ठहरने के व्यापक इंतजाम किए गए हैं । होटलों और गेस्ट हाउस के अतिरिक्त कुछ सरकारी भवनों में भी जायरीनों को ठहराने के इंतजाम किए गए हैं । अजमेर जिला कलेक्टर गौरव गोयल का कहना है कि सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने के साथ ही रोड़वेज की 100 अतिरिक्त बसों का संचालन शुरू कर दिया गया है ।