Rajasthan: जोधपुर जेल में 17 मोबाइल, चार्जर व सिमकार्ड बरामद
Rajasthan जोधपुर जेल में विचाराधीन बंदियों की बैरकों 4 7 व 10 में तलाशी के समय 17 मोबाइल चार्जर व तकरीबन इतनी सिमें मिलीं। बाद में पुलिस की तरफ से भी अन्य वार्डों में तलाशी ली गई। ज्यादातर फोन एंड्राइड हैं।
जोधपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान में जोधपुर की सेंट्रल जेल फिर सुर्खियों में है। बुधवार मध्यरात्रि के बाद पुलिस की सर्च में जेल में एक साथ 17 मोबाइल फोन मिलने से इस बार जेल प्रशासन संदेह के घेरे में है। जेलों में चल रहे फ्लश आउट अभियान की समाप्ति से पहले एक साथ मिले इतने सारे मोबाइल 18 सिम और चार्जर कई सवाल खड़ा कर रहे हैं। इससे पहले जोधपुर की जेल में बंद एक कैदी के गुप्तांग से भी चार मोबाइल बरामद हुए थे। इस बार एक साथ 17 मोबाइल फोन मिलने से जेल प्रशासन पर संदेह गहरा रहा है। राजस्थान की जेलों फ्लश आउट अभियान चलाया जा रहा है। इसकी अवधि को बढ़ाकर 28 फरवरी किया गया था। नवंबर से चले इस अभियान में राजस्थान की जेलों से कई मोबाइल जब्त किए गए।
जोधपुर एडीसीपी पूर्व भागचंद ने बताया कि रात को ही सूचना मिली कि जोधपुर केंद्रीय कारागार में रेड दी जाए तो निषिद्ध सामग्री मिल सकती है। इस पर वे और रातानाडा थानाधिकारी लीलाराम आदि वहां पहुंचे। जब ये लोग वहां पहुंचे तो पता लगा कि जेल प्रशासन ने पहले से ही सर्च चला दिया है। विचाराधीन बंदियों की बैरकों 4, 7 व 10 में तलाशी के समय 17 मोबाइल, चार्जर व तकरीबन इतनी सिमें मिलीं। बाद में पुलिस की तरफ से भी अन्य वार्डों में तलाशी ली गई। ज्यादातर फोन एंड्राइड हैं। एडीसीपी भागचंद ने बताया कि घटना को लेकर जेल अधीक्षक की तरफ से रातानाडा थाने में अज्ञात शख्स के खिलाफ रिपोर्ट दी गई है। मोबाइल लावारिश हालत में मिलना बताया गया है। इनको कौन -न काम में ले रहे थे, इस बारे में सिमों से पता लगाने के प्रयास किया जा रहे हैं। बरामद किए गए मोबाइल की कीमत लाखों में है।
मोबाइल जेल में पहुंचे कैसे
जोधपुर जेल सुरक्षित जेलों में शुमार है। इस जेल में आसाराम भी बंद है और भंवरी मामले के आरोपित पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और विधायक रह चुके मलखान विश्नोई भी बंद है। सलमान खान भी इस जेल में रह चुके हैं। वहीं, सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित माने जाने वाली जेल में कई आतंकियों को भी पूर्व में रखा जा चुका है. लेकिन लगातार अवांछनीय निषिद्ध सामान और मोबाइल के मिलने से अब इसकी सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतनी बड़ी संख्या में मोबाइल जेल के भीतर तक कैसे पहुंचे। अभियान में लाखों के मोबाइल मिलने से कमिश्ररेट पुलिस खुद सकते में हैं।
ऑपरेशन फ्लश आउट के चलते जेल में एक साथ बड़ी मात्रा में मोबाइल, चार्जर, कीपेड फोन कहां से पहुचे। इनको कौन लाया और कैसे लाया, किनको दिए। ये सभी सवाल हैं। जिनको लेकर पुलिस की टीम पड़ताल कर रही है। सूत्रों के हवाले से जेल प्रशासन कई अधिकारी व प्रहरी भी इसकी चपेट में आ सकते है। वहीं, ये बात भी दबी जुबान सुनने को मिली है कि सर्च अभियान जेल प्रशासन की तरफ से चलाया गया। मगर क्रेडिट कमिश्ररेट पुलिस के खाते में आ गया है। जबकि पुलिस के अनुसार, उनकी योजना के अनुसार सर्च अभियान किया जाना था, जिंसकी भनक लगने पर जेल में पहले से तलाशी ली जा रही थी।