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Eid ul Fitr 2021: ख्वाजा की दरगाह में ईद पर खुला जन्नती दरवाजा

Eid ul Fitr 2021 सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर शुक्रवार को ईद उल फितर के अवसर पर तमाम धार्मिक रस्में अदा की गईं। जन्नती दरवाजा खुला और खिदमत हुई। ईद का त्योहार मुस्लिम समाज ने घर पर ही रहकर धार्मिक रस्मीतौर पर खुशनुमा माहौल में मनाया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 05:58 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 05:58 PM (IST)
Eid ul Fitr 2021: ख्वाजा की दरगाह में ईद पर खुला जन्नती दरवाजा
ख्वाजा की दरगाह में ईद पर खुला जन्नती दरवाजा। फाइल फोटो

अजमेर, संवाद सूत्र। Eid ul Fitr 2021: अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर शुक्रवार को ईद उल फितर के अवसर पर तमाम धार्मिक रस्में अदा की गईं। जन्नती दरवाजा खुला और खिदमत हुई। ईद का त्योहार मुस्लिम समाज ने घर पर ही रहकर धार्मिक रस्मीतौर पर खुशनुमा माहौल में मनाया। हमेशा की तरह मस्जिदों में होने वाली सामूहिक नमाज नहीं हुई। लोगों की एकाएक भीड़ दरगाह के बाहर एकत्रित ना हो यह विचार कर ही जिला पुलिस प्रशासन ने एहतियातन कदम उठाए और दरगाह के बाहर भारी पुलिस बल तैनात रहा। सुबह से दरगाह क्षेत्र के बाहर शांति और सामान्य स्थिति बनी रही। रहमतों और बरकतों के रमजान माह की चांद रात को चांद दिखाई देने के ऐलान के बाद ईद मनाने और मुबारकबाद का सिलसिला शुरू हो गया था।

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ख्वाजा साहब की दरगाह स्थित जन्नती दरवाजा भी आज तड़के खोला गया और कोरोनाकाल एवं लोकडाऊन की सख्ती के चलते परम्परागत तरीकें से होने वाली सार्वजनिक नमाज नहीं हुई। इस दौरान दरगाह और दरगाह क्षेत्र विरान नजर आए। दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने जन्नती दरवाजे होते हुए आस्ताना शरीफ में जियारत की। दरगाह के निजाम गेट पर पहुंचने पर परंपरागत तरीके से उनका शादियाने और झांझ बजा कर शाही अंदाज में स्वागत किया। फातिहा पढ़कर देश और दुनिया से कोराना के खात्मे के लिए दुआ की। उन्होंने अपने पैगाम में मुस्लिम समुदाय के युवाओं से वैक्सीनेशन कराने की अपील की। दीवान आबेदीन के साथ उनके पुत्र सैयद नसीर उद्दीन चिश्ती और नजमी फारुकी आदि भी थे।

दरगाह दीवान जन्नती दरवाजा से दाखिल हुए और यहां से आस्ताना शरीफ पहुंचे। गरीब नवाज की मजार पर अकीदत का नजराना पेश किया। यहीं पर विशेष फातिहा हुई। दरगाह दीवान के दुआ-गो सैयद नोमान चिश्ती ने दीवान आबेदीन की दस्तारबंदी की। फातिहा के बाद आबेदीन और उनके परिवार जन बेगमी दालान से होते हुए महफिल खाने पहुंचे। महफिल खाने से खानकाह पहुंचे। यहां पर दीवाना आबेदीन ने मौरूसी अमले के सदस्यों की दस्तारबंदी की और उन्हें इनाम दिए। दरगाह में चंद अनुमत लोगों ने ही दुआ कर मुल्क में अमनों अमान, खुशहाली, भाईचारे और कोरोना महामारी से निजात के लिए दुआ की। स्थानीय केसरगंज स्थित ईदगाह पर भी नमाज नहीं पढ़ी गई। शहर की मस्जिद कचहरी एवं घंटाघर में भी नमाज नहीं हुई। सुरक्षा के लिहाज से सभी जगह पुलिस बल तैनात किया गया।

इसके विपरीत मुस्लिम परिवारों में ईद की नमाज अदा कर कोरोना से परेशान इंसानियत को महामारी से मुक्ति के लिए दुआ की गई। मिठी ईद के मौके पर सवैयों एवं खीर हर परिवार में बनाई गई। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में लाॅकडाउन के चलते दरगाह दीवान, दरगाह कमेटी, दोनों अंजुमन के अलावा शहर काजी व शहर मुफ्ती ने पहले ही रजामंदी के साथ आम मुसलमान से घर पर ही नमाज अदा करने तथा कोरोना संक्रमण मुक्ति के लिए दुआ की अपील कर माहौल को नियमों की पालना में ढालने का प्रयास कर प्रशासन का भरपूर सहयोग किया। जन्नती दरवाजा खिदमत के बाद आज ही बंद कर दिया गया। यह फिर ख्वाजा साहब के गुरु उस्मान हारूनी के उर्स पर 19 मई को खुलेगा। 


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