Rajasthan: जयपुर के छात्र आयुष अग्रवाल ने तैयार की ब्रेन ट्यूमर की टेस्ट किट
Brain Tumor Test Kit. आयुष अग्रवाल ने राजस्थान के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों के सुपरविजन में काम किया।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। Brain Tumor Test Kit. भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय के नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन के तहत देशभर में बाल वैज्ञानिकों की खोज की जा रही है। बाल वैज्ञानिकों से विभिन्न बीमारियों या आम आदमी से जुड़ी समस्याओं के समाधान को लेकर आइडिया (विचार) लिए जा रहे हैं। इसी के तहत राजस्थान से नेशनल इनोवशन फाउंडेशन में दो हजार आइडिया पहुंचे। इनमें से 18 आइडिया का चयन कर राष्ट्रीय स्तर पर किया गया है, जिनमें से पहले नंबर पर जयपुर की कैब्रिज कोर्ट स्कूल के छात्र आयुष अग्रवाल का है। नौवीं कक्षा के छात्र आयुष अग्रवाल ने कम कीमत वाला ब्रेन ट्यृमर की टेस्ट किट तैयार की है।
ऐसे आया आइडिया और फिर किया साकार
दरअसल, आयुष अग्रवाल के दादा को ब्रेन ट्यूमर हुआ था। ब्रेन ट्यूमर का टेस्ट बहुत महंगा पड़ रहा था। आयुष अग्रवाल ने 1500 रुपये की कैप बना डाली। यह कैप ब्रेन ट्यूमर को एक हफ्ते पहले ही डिडेक्ट कर लेती है। आयुष अग्रवाल ने राजस्थान के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों के सुपरविजन में काम किया। इस कैप से मिले रिजल्ट काफी पॉजिटिव रहे हैं। आयुष अग्रवाल का मानना है कि यदि कैप का प्रोडक्शन बड़े पैमाने पर किया जाए तो यह बहुत सस्ती हो सकती है। आयुष ने बताया कि उसके दादा कुछ समय पहले गिर गए थे, जिसके कारण उन्हें ब्रेन ट्यूमर हो गया था। बीमारी का जब पता चला तो यह भी जानकारी मिली कि इसकी जांच काफी महंगी होती है।
आयुष अग्रवाल ने अपने दादा को काफी परेशान होते देखा और उनके इलाज के लिए पिता विनोद अग्रवाल को पैसों का प्रबंध करते हुए देखा। दादा और पिता की परेशानी देखते हुए उसने एक ऐसा इनोवेशन करने की सोची कि जिससे कम लागत में ब्रेन ट्यूमर की जांच की जा सके। इस पर उसने काम किया और करीब छह माह में एक ऐसी कैप तैयार कर ली, जिससे ब्रेन ट्यूमर के बारे में एक सप्ताह में पता चल जाएगा। आयुष अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने यह उपकरण एसएमएस अस्पताल के न्यूरोलोजिस्ट की देखरेख में बनाया है। एसएमएम मेडिकल कॉलेज के प्रंिसंपिल डॉ.सुधीर भंडारी ने इसकी पुष्टि की है। आयुष अग्रवाल ने बताया कि इस एक कैप को बनाने में उसके करीब 1500 रुपये खर्च हुए हैं, जबकि एक साथ बनाने पर खर्च और भी कम हो सकता है।
यह कैप हर कोई अपने पास भी रख सकता है और समय-समय पर अपने ब्रेन ट्यूमर के बारे में खुद ही जांच कर सकता है। ब्रेन से जुड़ी अन्य बीमारियों को भी जांचने में यह कैप काम आ सकती है। आयुष अग्रवाल के पिता विनोद अग्रवाल एवं माता शालिनी ने बताया कि उन्हे पहले तो इस पर विश्वास नहीं हुआ, लेकिन जब उसने यह कमाल कर दिखाया तो अपने बेटे पर अभिमान हो रहा है।