Jaipur Literature Festival 2020: जेएलएफ में 250 वक्ताओं को सुनने पहुंचेंगे देश-विदेश से लोग
Jaipur Literature Festival 2020 जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2020 के दौरान एनआरसी सीएए और दिल्ली के जेएनयू जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Jaipur Literature Festival 2020: सहित्य का महाकुंभ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) 23 से 27 जनवरी, 2020 तक जयपुर के डिग्गी पैलेस होटल में आयोजित किया जाएगा। इसमें हर साल की तरह इस बार भी वक्ताओं के तौर पर लेखक, राजनेता, फिल्मी दुनिया से जुड़ी हस्तियां और पत्रकार कला, फैशन, राजनीति, अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, करेंट अफेयर्स, लेखन, समाज और जीवित भाषाओं आदि विषयों पर अपनी बात रखेंगे।
पांच दिन तक चलने वाले सत्र में 250 वक्ताओं को सुनने के लिए देश-विदेश से लोग पहुंचेंगे। फेस्टिवल के दौरान एनआरसी, सीएए और दिल्ली के जेएनयू जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। हालांकि आयोजकों ने फिलहाल इन मुद्दों को फेस्टिवल में सूचीबद्ध नहीं किया है, लेकिन हर बार किसी ना किसी चर्चित विषयों को लेकर विवाद होता है तो इस बार इन तीनों मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
अल्फॉस, थरूर, वसुंधरा और पायलट करेंगे संवाद
फेस्टिवल के दौरान पूर्व मंत्री केजे अल्फॉंस साहित्य से जुड़े एक सत्र में वक्ता होंगे। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से जुड़े सत्र में लेखक विजू बी व कृपा गे के साथ चर्चा करेंगे। कांग्रेस नेता और लेखक गीताकार जावेद अख्तर के साथ "लेखक और फेस्टिवल डायरेक्टर के दोहरे चरित्र" विषय पर बात करेंगे।
इसी तरह "एशिया राइजिंग" सत्र में पीएम के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन पुर्तगाल सरकार के पूर्व मंत्री ब्रूनो मार्केस के साथ चर्चा करेंगे। इस सत्र में जेएनयू दिल्ली के प्रोफेसर दीपक नय्यर भी शामिल होंगे। नोबल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी "पुअर इकोनॉमिक्स फाइटिंग ग्लोबल पॉवर्टी" सत्र में अपनी बात रखेंगे। राजनीतिक दार्शनिक गिरधर दास "दुनिया बदलने में" विषय पर निवेशक मोहित सत्यानंद के साथ संवाद करेंगे।
चीन के लेखक ब्रूनो मार्केस नई व्यापार नीति के तौर पर "भारत और दक्षिण एशिया की महत्वांकाक्षा" विषय पर भारतीय लेकर मनोज जोशी एवं सुजीव शाक्य से चर्चा करेंगे। फेस्टिवल के दौरान होने वाले सत्र "द डूडलस ऑन लीडरशिप" में टाटा संस के निदेशक आर गोपालकृष्णन के साथ निवेशक मोहित सत्यानंद के साथ बात करेंगे। इसी तरह जेनेरिक दवाओं को लेकर भी एक सत्र होगा। ब्रिटिश की पत्रकार क्रिस्टीना लैम्ब जानी-मानी पत्रकार सुहासिनी हैदर जुनीन के बारे में बात करेंगे। नुजीन ने युद्धरत सीरिया को छोड़कर व्हीलचेयर पर बैठे-बैठे पूरे यूरोप का सफर तय किया है। लेखिका चित्रा मुद्गल और रोहिणी चौधरी "एक जमीन अपनीरू राइटिंग द फिमिनिन" सत्र में चर्चा करेंगी। एक सत्र प्रसिद्ध अदाकारा मधुर जाफरी से उपन्यासकार चंद्रहास चौधरी चर्चा करेंगे। राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी फेस्टिवल के दौरान अपनी बात रखेंगी।
वक्ताओं के किस्सों, बातों और अनुभव सांझा होंगे
फेस्टिवल के दौरान फिक्शन पर आधारित एक सत्र में दुनिया के पांच मशहूर लेखक एलिजाबेथ गिल्बर्ट, लीला स्लिमानी, अवनी दोषी, जॉन लंकास्टर व होवार्ड जैकबसन संवाद करेंगे। इस दौरान पुलित्जर पुरस्कार विजेता स्टीफन ग्रीनब्लास्ट, डेक्सटर फिल्किंस, आनंद गोपाल, बुकर पुरस्कार विजेता होवार्ड जैकबसन, जॉल लंचेस्टर के साथ ही लैम सिस्से, साइमन आर्मिटेज, फोरेस्ट गंडर, पॉल मुल्ड्रन, डेविड वाल्लास, सामाजिक कार्यकर्ता अरूणा रॉय, इजिप्ट के सांस्कृति कमेंटेटर अहदाफ सोइफ, मेघना गुलजार, अमिताभ बागची, अनीता नायर, अशोक चक्रधर, अश्विनी सांघी, संदीप उन्नीथन, शोभा डे, राणा दास गुप्ता, रूबी लाल, नीलेश मिश्रा, रॉय स्ट्रांग, सुबोध गुप्ता, मकरंद पराजपे, जेम्स मैलिन्सन, शुभांगी स्वरूप, स्टीव कॉल, एवनी सायर्सटैड एवं देवदत्त पटनायक सहित कई साहित्यकार एवं लेखक विभिन्न सत्रों में चर्चा करने के साथ ही श्रोताओं के सवालों के जवाब भी देंगे। जेएलएफ आयोजकों के अनुसार पांच दिवसीय साहित्य के इस महाकुंभ में दुनियाभर के लोग शामिल होंगे।
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