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Rajasthan: अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा सरपंच पतियों का हस्तक्षेप

Rajasthan Panchayat. राजस्थान में अब सरपंच पतियों या किसी अन्य व्यक्ति का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 04:50 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 04:50 PM (IST)
Rajasthan: अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा सरपंच पतियों का हस्तक्षेप
Rajasthan: अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा सरपंच पतियों का हस्तक्षेप

राज्य ब्यूरो, जयपुर। Rajasthan Panchayat. राजस्थान में पंचायतों में जहां महिला सरपंच हैं, वहां के कामकाज में अब सरपंच पतियों या किसी अन्य व्यक्ति का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस काम में सरकार का कोई अधिकारी, कर्मचारी साथ देता है, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने आदेश जारी किए हैं।

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राजस्थान में पंचायतराज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण हासिल है। ऐसे में बड़ी संख्या में महिला सरपंच चुनी जाती हैं, लेकिन इनके काम में अक्सर इनके पतियों या किसी अन्य रिश्तेदार का दखल देखा जाता है। यहां तक होता है कि सारा काम पति या पुरुष रिश्तेदार करते हैं। इनकी भूमिका सिर्फ साइन करने या अंगूठा लगाने तक रहती है। इस बारे में अब सरकार ने कडे निर्देश जारी किए हैं।

अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह की ओर से जिला कलक्टर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और पंचायत समितियों के विकास अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार के ध्यान में आया है कि कई प्रकरणों में पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों के स्थान पर उनके पति, निकट संबंधी, रिश्तेदार या अन्य किसी व्यक्ति द्वारा कार्यालय का कार्य संपादित किया जाता है। उनके द्वारा बैठकों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाग लिया जाता है।

पंचायती राज संस्था के निर्वाचित सदस्य या पदाधिकारी यदि ऐसा कृत्य करते हैं तो यह कर्तव्यों के निर्वहन में असमर्थता एवं दुराचार की श्रेणी में आता है। किसी भी पंचायती राज संस्था में ऐसा पाए जाने पर संबंधित महिला सदस्य पदाधिकारी के विरुद्ध राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा-38 के तहत हटाए जाने की कार्रवाई की जा सकती है।

इसके साथ ही ऐसे मामलों में सहयोग करने वाले अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध भी सरकार के अनुशासानात्मक नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। आदेश में कहा गया है कि पंचायती राज संस्थाओं में ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होने दें। यदि कहीं ऐसा पाया जाता है तो संबंधित निर्वाचित जनप्रतिनिधि एवं सहयोग करने वाले अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई प्रस्तावित कर पंचायती राज विभाग को तुरंत अवगत भी कराया जाए।


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