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मंत्री का पौता पुलिस अधिकारी बनकर स्पूफिंग के जरिये करता था इंटरनेशनल कॉल्स

वह प्रत्येक इंजीनियर को उसके खिलाफ ब्यूरो में शिकायत आने की बात कहता और उसके निपटारे के बदले 10 लाख रूपए की मांग करता था ।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 10 Aug 2017 10:21 AM (IST)Updated: Thu, 10 Aug 2017 10:21 AM (IST)
मंत्री का पौता पुलिस अधिकारी बनकर स्पूफिंग के जरिये करता था इंटरनेशनल कॉल्स
मंत्री का पौता पुलिस अधिकारी बनकर स्पूफिंग के जरिये करता था इंटरनेशनल कॉल्स

जयपुर,[ जागरण संवाददाता]। राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता राधेश्याम का पौता अवैध वसूली के लिए फर्जी पुलिस अफसर बनकर स्पू¨फग के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय कॉल पर चौथ वसूली के लिए लोगों को धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है । पुलिस के अनुसार राजस्थान में पहली बार स्पू¨फग कॉ¨लग के माध्यम से खुद को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का अधिकारी बताकर अवैध वसूली का मामला सामने आया है । आरोपी साहिल राजपाल को जयपुर के जालूपुरा स्थित एमएलए क्वाटर्स से गिरफ्तार किया गया है । भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरक्त महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने बताया कि छह माह पूर्व आरोपी साहिल राजपाल ने जलदाय विभाग के इंजीनियर्स को स्पू¨फग इंटरनेट कॉ¨लग के माध्यम से फोन किए थे । इस मामले में एक इंजीनियर ने ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी ।

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आरोपी खुद को ब्यूरो में तैनात पुलिस अधीक्षक शंकर दत्त शर्मा बताकर इंजीनियर्स को टेलिफोन करता है । वह प्रत्येक इंजीनियर को उसके खिलाफ ब्यूरो में शिकायत आने की बात कहता और उसके निपटारे के बदले 10 लाख रूपए की मांग करता था । आरोपी ने पीडित इंजीनियर से भी शिकायत आने के नाम पर डेढ़ लाख् रूपए वसूल कर लिए । लेकिन इस बीच पीडित इंजीनियर को आरोपी पर शक हुआ तो उसने ब्यूरो कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई । आरोपी ने ही जलदाय विभाग में पाइप एवं अन्य सामान की आपूíत करने वाली एसपीएमएल कंपनी के अधिकारियों को स्पू¨फग कॉ¨लग कर धमकाया,उनसे पैसे की मांग की । इस पर कंपनी ने दिल्ली में सीबीआई में शिकायत की । राज्य भ्रष्टचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों को सीबीआई में भी मामला लंबित होने की जानकारी मिली तो वहां से दस्तावेज जुटाए गए । इसके बाद आरोपी के मोबाइल नंबर ट्रेस किए गए । जांच में सामने आया कि आरोपी साहिल आईटी का उपयोग कर इंटरनेट कॉल द्वारा सरकारी अधिकारियों को पुलिस अधिकारियों के फोन नंबर दर्शाकर स्पू¨फग कॉ¨लग कर चौथ वसूली करता था । त्रिपाठी ने बताया कि स्पू¨फग इंटरनेट सर्वर के होने वाली कॉ¨लग में मनचाहे नंबर डिस्पले करके चाहे जिससे बात की जा सकती है । इसमें मोबाइल कंपनी के पास भी ्कॉल का रिकार्ड नहीं रहता है । 


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