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राजस्थान की जेलों में चलेगा सघन तलाशी अभियान, दोषी बंदियों पर होगी बड़ी कार्रवाई

Rajashan Jail राजस्थान की जेलों में सघन तलाशी अभियान चलाया जाएगा और दोषी पाये गये बंदियों को तत्‍काल दूसरी जेलों में भेज दिया जाएगा।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 12:35 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 12:35 PM (IST)
राजस्थान की जेलों में चलेगा सघन तलाशी अभियान, दोषी बंदियों पर होगी बड़ी कार्रवाई
राजस्थान की जेलों में चलेगा सघन तलाशी अभियान, दोषी बंदियों पर होगी बड़ी कार्रवाई

जयपुर, राज्य ब्यूरो। राजस्थान की सभी जेलों में अब सघन तलाशी अभियान चलाया जाएगा। राजस्थान के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इस बारे में सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश और गाइडलाइन जारी की है। यह तलाशी अभियान जेलों में कई बार मोबाइल और अन्य सामग्री मिलने की घटनाएं सामने आने के चलते चलाया जा रहा है। जिन बंदियों के पास इस तरह की सामग्री मिलेगी, उन बंदियों को तत्काल दूसरी जेलों में भेजा जाएगा और उनके जेल रिकार्ड में इसे दर्ज किया जाएगा।

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 गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि जेलों में मोबाइल, सिम कार्ड और अन्य निषिद्ध सामग्री किसी भी हालत में ना पहुंचे और अभी इस तरह का जितनी भी सामग्री है, उसे जब्त किया जाए। तलाशी अभियान के लिए जारी गाइडलाइन के तहत सभी जेलों की तलाशी के लिए एक तलाशी दल गठित किया जाएगा। जिसका मुखिया राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को बनाया जाएगा।  

 इस तलाशी दल में जिले में पदस्थापित राजस्थान पुलिस सेवा और अन्य उपयुक्त अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा।  तलाशी दल की सुरक्षा को लेकर भी विशेष प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं। तलाशी अभियान की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करने के निर्देश दिए गए हैं। तलाशी लेते समय बंदी द्वारा अनुशासनहीनता की जाती है तो उसकी भी रिकॉर्डिंग की जाएगी। गाइडलाइन के तहत तलाशी लेने से पूर्व बंदियों को अन्यत्र वार्ड या फिर सिंगल सेल में बंद करना होगा तथा एक-एक करके बंदियों को बैरक से बाहर निकालकर तलाशी ली जा सकेगी। बंदियों के साथ-साथ साथ बंदी वार्ड की भी तलाशी लेने के निर्देश दिए गए हैं। तलाशी अभियान को लेकर निर्देश दिए गए हैं कि शाम को जेल बंद होने या फिर सुबह जेल खुलने से पहले तलाशी ली जाए।  

 जिन जिलों में सीसीटीवी स्थापित है, वहां पर सीसीटीवी फुटेज का भी उपयोग किया जाए। जिन जेलों में बंदियों के पास मोबाइल या फिर प्रतिबंधित सामग्री पाई जाएगी। उन बंदियों का तत्काल दूसरी जेलों में स्थानांतरण कर दिया जाएगा। ऐसे मामलों में केस दर्ज किए जाने के साथ-साथ जेल रिकॉर्ड्स में भी एंट्री की जाएगी, ताकि जमानत और पैरोल के मामलों में इस जानकारी का भी उपयोग किया जा सके। लावारिस हालत में पाए जाने वाले मोबाइल की एफएसएल से जांच करवाई जाएगी क्योंकि अपराधियों द्वारा मोबाइल का आईएमआई नंबर मिटा दिया जाता है। तलाशी अभियान को लेकर दिए गए दिशा-निर्देशों में संवेदनशील जेलों पर तैनात कार्मिकों को एक निश्चित अवधि के बाद आवश्यक रूप से तबादला करने के भी निर्देश दिए गए हैं।


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