Rajasthan: इंद्रेश कुमार बोले, नेहरू-जिन्ना की जगह पटेल व बोस होते गांधी के सहायक तो टाला जा सकता था देश का बंटवारा
Indresh Kumar In Jaipur इंद्रेश कुमार ने कहा कि अगर नेहरू और जिन्ना की जगह यदि महात्मा गांधी ने सरदार बल्लभ भाई पटेल व सुभाष चंद्र बोस को अपना सहायक चुना होता तो देश का बंटवारा टाला जा सकता था।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Indresh Kumar In Jaipur: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के एक निर्णय पर अफसोस जताया है। उन्होंने कहा कि अगर नेहरू (पंडित जवाहर लाल नेहरू) और जिन्ना (मोहम्मद अली जिन्ना) की जगह यदि महात्मा गांधी ने सरदार बल्लभ भाई पटेल व सुभाष चंद्र बोस को अपना एडीसी (सहायक) चुना होता तो देश का बंटवारा टाला जा सकता था। इंद्रेश कुमार ने शनिवार को जयपुर में जनसंख्या समाधान फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहा कि कुछ लोगों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का अपमान किया है। अभी सांसदों की तिरंगा यात्रा निकली, उसमें शामिल नहीं होकर कुछ लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है। तिरंगे को एक आदमी से जोड़कर उन लोगों ने महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस सहित सभी महापुरुषों का अपमान किया है। जब ये अपमान बड़ा है तो एक ही रास्ता रह गया कि आरएसएस को गाली दो।
हमें पत्थर वाला शुक्रवार नहीं चाहिएः इंद्रेश
इंद्रेश ने कहा कि चाहे असदुद्दीन ओवैसी हो, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) हो या फिर आम आदमी पार्टी इनकी एक ही आदत है। अपने पाप और अपराध को छुपाने के लिए आरएसएस को गाली दो। इंद्रेश कुमार ने कहा कि आरएसएस एक देशभक्त संगठन है। वो 70 साल से यह कहते रहे हैं कि महात्मा गांधी को आरएसएस वालों ने मारा है। ये असत्य सिद्ध हुआ है। ये बेबुनियाद आरोप थे, हैं और रहेंगे। खुद डा. हेडगेवार सत्याग्रह में रहे थे। इंद्रेश कुमार ने कहा कि हमें पत्थर वाला शुक्रवार नहीं चाहिए, बल्कि सुरक्षित, शिक्षित और विकसित भारत चाहिए। उन्होंने कहा कि पूजा स्थल से निकले तो मन में शांति होनी चाहिए, लेकिन भारत में शुक्रवार तो पत्थर वाला बन गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि पूजा स्थलों पर टूटी हुई मूर्तियां कहां से आ गईं। सभी इबादतगाहों में टूटूी हुई मूर्तिंयां हैं, इसका मतलब है कि आक्रांताओं ने मूर्तियां तोड़ी थीं। इंद्रेश कुमार ने कहा कि 75 साल पहले भारत को विभाजन के रूप में आजादी मिली थी। उन्होंने कहा कि उस वक्त अगर अंग्रेजों से वार्ता के लिए महात्मा गांधी ने नेहरू और जिन्ना को आगे नहीं किया होता तो भारत के टुकड़े नहीं होते ।
कुछ लोग वोट को भारत पर कब्जा मानकर जनसंख्या बढ़ा रहे हैं
इंद्रेश ने कहा कि विश्व व देश में जनसंख्या बढ़ने से असंतुलन बढ़ा है। जल,जमीन और संसाधन कम होने लगे हैं। आंकलन के अनुसार भारत में 80-90 करोड़ आबादी होनी चाहिए,ले किन 135 करोड़ हो गई। कुछ लोग वोट को भारत पर कब्जा करने का माध्यम मान कर जनसंख्या बढ़ा रहे हैं। अब वक्त आ गया है कि बेरोजगारी, दंगों और हिंसा वाला भारत नहीं चाहिए। भारत में जनसंख्या नियंत्रण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनसंख्या की अनाप-शनाप वृद्धि से सबको नुकसान है। उन्होंने कहा कि एक दिन आए जब सुबह उठेंगे तो पता लगेगा कि गुलाम कश्मीर फिर से भारत में आ गया है। पाकिस्तान में अलग-अलग प्रांत आजादी की बात कर रहे हैं। एक दिन पाकिस्तान को ढूंढ़ना पड़ेगा। 1947 से पहले पाकिस्तान दुनिया के नक्शे में नहीं था और अब आगे भी नहीं रहेगा।