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सेना के दमख़म को परखने जैसलमेर पहुंचे थल सेना प्रमुख जनरल नरवणे, जवानों की हौसलाअफजाई कर बढ़ाया मनोबल

भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने देश के पश्चिमी सरहद पर चल रहे सेना के युद्धाभ्यास का निरीक्षण किया और युद्याभ्यास दक्षिण शक्ति की समीक्षा की । थल सेना प्रमुख नरवणे ने सेना के दक्षिणी कमान द्वारा मल्टी डोमेन ऑपरेशन में किये जा रहे प्रयासों को सराहा

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 09:25 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 09:25 PM (IST)
सेना के दमख़म को परखने जैसलमेर पहुंचे थल सेना प्रमुख जनरल नरवणे, जवानों की हौसलाअफजाई कर बढ़ाया मनोबल
सेना के युद्धभ्यास में जवानो के मध्य थलसेना प्रमुख

जोधपुर, संवाद सूत्र। भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने देश के पश्चिमी सरहद पर चल रहे सेना के युद्धाभ्यास का निरीक्षण किया और युद्याभ्यास दक्षिण शक्ति की समीक्षा की । थल सेना प्रमुख नरवणे ने भारतीय सेना के दक्षिणी कमान द्वारा मल्टी डोमेन ऑपरेशन में किये जा रहे प्रयासों को सराहा साथ ही "भविष्य के युद्धों" के अनुरूप मानवयुक्त और मानव रहित प्रणालियों में क्षमता वृद्धि से लड़ने के लिए लगातार रणनीति, तकनीक और प्रक्रिया विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

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देश की पश्चिमी सीमा पर राजस्थान गुजरात के मध्य सेना की दक्षणी कमान के द्वारा दक्षिण शक्ति युद्धाभ्यास किया जा रहा है, जिसमें की तीनों सेनाओं के जवानों द्वारा आपसी तालमेल का जरिये युद्धकौशल को परखा जा रहा है। इस युद्धाभ्यास में सैनिकों की हौसला अफजाई करने और उनके दमख़म को देखने के लिए थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे राजस्थान के जेसमलेर क्षेत्र पहुचे।यात्रा के दौरान, सेना प्रमुख ने अभ्यास दक्षिण शक्ति की समीक्षा की।सेना प्रमुख ने 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के हिस्से के रूप में शामिल किए गए स्वदेशी उपकरणों की क्षमताओं के क्षेत्ररक्षण और दोहन के लिए दक्षिणी कमान की सराहना की।

उन्होंने सभी प्रतिभागियों को उच्च स्तर की तत्परता और परिचालन तैयारियों के लिए बधाई दी और उन्हें राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपनी निगरानी जारी रखने का आह्वान किया।

जैसलमेर के थार के रेगिस्तान के साथ साथ गुजरात के कच्छ के रण से सटे इलाको में भारतीय सेना के दक्षिणी कमान द्वारा मल्टी डोमेन ऑपरेशन इस अभ्यास का हिस्सा रहे।पिछले एक सप्ताह के दौरान, भारतीय सेना की इकाइयों और संरचनाओं ने अपनी इन्फैंट्री, मैकेनाइज्ड फॉर्मेशन और एयरबोर्न सैनिकों द्वारा एक तरल युद्धक्षेत्र के वातावरण में, भविष्य की तकनीकों का संचालन करते हुए सामरिक और परिचालन युद्धाभ्यास का अभ्यास किया। इसमे विशेष हेलिबोर्न ऑपरेशंस, समूह ड्रोन निगरानी और एएलएच युद्धाभ्यास सहित उसी का एक शानदार प्रदर्शन और थल सैनिकों द्वारा समन्वित कार्रवाई का भी अभ्यास किया गया। इसके साथ ही उन्नत हेलीकाप्टर द्वारा एकीकृत हथियार प्रणांली ,निगरानी और रेकी (आईएसआर), आर्टिफिशियल इनटेलीजेन्स, छद्म ठिकानों , खुफिया जानकारी तस्वीरों को उपलब्ध करवाने के साथ साथ स्वदेशी अस्थायी हवाई प्लेटफार्मों का प्रयोग करना युद्धाभ्यास का हिस्सा रहे।


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