Move to Jagran APP

राजस्थान में गांवों की सरकार पर अनिश्चितकालीन ताला

चुनाव को देखते हुए सभी वर्ग अपनी मांगों को लेकर सरकार पद दबाव बना रहे हैं,इसी कड़ी में सरपंचों ने अब आंदोलन शुरू किया है ।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 23 Feb 2018 01:36 PM (IST)Updated: Fri, 23 Feb 2018 01:36 PM (IST)
राजस्थान में गांवों की सरकार पर अनिश्चितकालीन ताला
राजस्थान में गांवों की सरकार पर अनिश्चितकालीन ताला

जयपुर, जागरण संवाददाता। गांवों की सरकार कही जाने वाली राजस्थान की सभी 9,891ग्राम पंचायतों पर अनिश्चितकाल के लिए ताला लटका दिया गया। अधिकारों में कटौती मांगे नहीं माने जाने से नाराज सरपंचों ने ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर तालाबंदी कर काम का अनिश्चितकाल के लिए बहिष्कार करने का निर्णय लिया है । सरकार से नाराज सरपंचों ने 26 फरवरी को विधानसभा का घेराव कर महापड़ाव डालने की चेतावनी दी है ।

loksabha election banner

सरपंच संघ के आंदोलन को देखते हुए प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ सरपंच संघ के पदाधिकारियों की बैठक लेकर विवाद का हल करने का प्रयास किया । हालांकि इस बैठक का कोई हल नहीं निकल सका । सरपंच संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि पिछले तीन साल से उन्हे केवल आश्वासन मिल रहे हैं और उनकी मांगों पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई सरकार के स्तर पर नहीं हो पा रही है । सरपंचों की मांग है कि चेक से पेमेंट की व्यवस्था यथावत रखी जाए,इसके साथ ही वीएसआर दर पर सामग्री की खरीद का अधिकार पंचायतों को दिया जाए ।

सरपंच संसाधन उपलब्ध नहीं होने तक ई-पंचायत व्यवस्था लागू नहीं करने,पट्टा नामांतरण और 25 लाख रूपए से कम के कार्य बिना वर्क टेंडर से कराने का अधिकार दिए जाने की मांग कर रहे हैं । उल्लेखनीय है कि प्रदेश में इसी साल राज्य विधानसभा चुनाव होने है । चुनाव को देखते हुए सभी वर्ग अपनी मांगों को लेकर सरकार पद दबाव बना रहे हैं,इसी कड़ी में सरपंचों ने अब आंदोलन शुरू किया है ।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.