Rajasthan: जयपुर के तीन समूहों पर आयकर छापे, बेनामी संपत्ति के दस्तावेज मिले
Rajasthan जयपुर के तीन समूह पर आयकर छापों में बेनामी संपति के रूप में नकदी ज्वैलरी बैंक लॉकर एफडीआर और शेयर ट्रांजेक्शंस के दस्तावेज मिले हैं। गोकुल कृपा बिल्डर्स और सिल्वर आर्ट ग्रुप के संयुक्त कारोबार के सुबूत मिले हैं।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में जयपुर के तीन कारोबारी समूहों के ठिकानों पर दो दिन तक चली आयकर विभाग के छापों की कार्रवाई बुधवार को भी जारी रही। इस दौरान 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रॉपर्टी में निवेश के दस्तावेज मिले हैं। आयकर विभाग ने चौरड़िया डेवलपर्स ग्रुप, गोकुल कृपा बिल्डर्स और सिल्वर आर्ट ग्रुप पर छापे की कार्रवाई की। कार्रवाई बृहस्पतिवार को भी जारी रह सकती है। छापों में बेनामी संपति के रूप में नकदी, ज्वैलरी, बैंक लॉकर, एफडीआर और शेयर ट्रांजेक्शंस के दस्तावेज मिले हैं। गोकुल कृपा बिल्डर्स और सिल्वर आर्ट ग्रुप के संयुक्त कारोबार के सुबूत मिले हैं। गोकुल कृपा बिल्डर्स के जयपुर के मानसरोवर स्थित कार्यालय में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। नकद लेन-देन का भी हिसाब मिला है।
बिल्डर समूह द्वारा रेरा 765 करोड़ के प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड करा रखे हैं। इनका आयकर नहीं चुकाया गया। जब्त दस्तावेजों में गोकुल कृपा बिल्डर्स के 2018-19 में 100 करोड़ की प्रॉपर्टी बिना आयकर दिए खरीदने का खुलासा हुआ है। चौरड़िया समूह की जयपुर में 250 करोड़ रुपये की जमीन के दस्तावेज मिले हैं। इनमें अजमेर रोड पर जमीनों के निवेश के दस्तावेज मिले हैं। सिल्वर आर्ट ग्रुप के कोड वर्ड से किए बेनामी कारोबार के दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इस समूह पर छापों में 122 करोड़ नकद लेनदेन के दस्तावेज मिले हैं। इसमें विदेशी यात्रियों को बड़ी मात्रा में नकदी में बेची गई ज्वैलरी के दस्तावेज शामिल है। इस समूह द्वारा दलितों के नाम से संपति खरीदने की जानकारी भी छापे की कार्रवाई के दौरान सामने आई है।
गौरतलब है कि दिसंबर, 2019 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में केंद्रित एक प्रमुख रियल एस्टेट समूह के 25 से अधिक परिसरों में आयकर छापे मारे गए थे। यह कंपनी आधारभूत ढांचे से लेकर खनन के क्षेत्र से भी जुड़ी है। छापों के बाद इस कंपनी ने 3000 करोड़ रुपये का कालाधन होने की बात कुबूल कर ली है। साथ ही, इस पर टैक्स चुकाने का भी वादा किया था।