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Election 2019: राजस्थान मे भाजपा चार स्तरों पर कर रही है हर लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रबंधन

Election 2019 राजस्थान में भाजपा लोकसभा चुनाव में चार स्तरीय व्यवथा के तहत हर लोकसभा क्षेत्र में चुनाव का प्रबंधन कर रही है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 08:32 AM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 08:32 AM (IST)
Election 2019: राजस्थान मे भाजपा चार स्तरों पर कर रही है हर लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रबंधन
Election 2019: राजस्थान मे भाजपा चार स्तरों पर कर रही है हर लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रबंधन

जयपुर, जेएनएन। राजस्थान में भाजपा लोकसभा चुनाव में चार स्तरीय व्यवथा के तहत हर लोकसभा क्षेत्र में चुनाव का प्रबंधन कर रही है। इसमें लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी व संयोजक से लेकर, बूथ तक नेताओ व कार्यकर्ताआों की फौज खडी की गई है। इसके साथ ही नमो वाॅलिटंयर्स के रूप में करीब आठ हजार कार्यकर्ता भी चुने गए है।

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राजस्थान में 25 लोकसभा क्षेत्र हैं और हर लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र है। पार्टी ने हर स्तर पर चुनावी गतिविधियों के संयोजन, समन्वय और माॅनिटरिंग के लिए अलग-अलग स्तर के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। खाका कुछ इस तरह बनाया गया है कि विधानसभा क्षेत्र में लगातार गतिविधियां हों और चुनाव तक कार्यकर्ताओं की सक्रियता बनी रहे।

इस तरह होगा भाजपा का चुनाव प्रबंधन- पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने सबसे ज्यादा फोकस बूथ को किया है और कोशिश यह है कि विधानसभाा चुनाव के समय बूथ समितियों को लेकर जिस तरह की शिकायतें आई थी, वैसी शिकायत इस बार नहीं आए। ऐसे में जहा बूथ समितियों को बदलने की जरूरत थी, वहां उन्हें बदला भी गया है। इसके उपर शक्ति केन्द्र बनाए गए है। इन शक्ति केन्द्रों के अधीन औसतन पांच से सात बूथ है जो बूथ समितियो पर होेने वाली गतिविधियों का समन्वय कर रहे है। शक्ति केन्द्रों पर ही नमो वाॅलंटियर्स भी लगाए गए है। इनका काम युवा मतदाताओं से सम्पर्क और चुनाव सम्बनी गतिविधियों में सहयोग करना है।

शक्ति केन्द्रों से उपर हर विधानसभा क्षेत्र के लिए संयोजक और प्रभारी नियुक्त किए गए है। इन संयोजक और प्रभारितयों के पास अपने विधानसभा क्षेत्र के सभी शक्ति केन्द्रों औश्र बूथों की गतिविधियों केसमन्वय और माॅनिटरिग की जिम्मेदारी है। इन संयोजक और प्रभारितयों के अलावा हर विधानसभा क्षेत्र में विस्तारक भी नियुक्त किए गए है। यह व्यवस्था विधानसभा चुनाव के समय लागू की गई थी, जिसे लोकसभा चुनाव तक बढा दिया गया है। ये विस्तारक चुनाव से जुडी गतिविधियों मेंसहयेाग के साथ ही उस क्षेत्र में हो रही हर तरह की राजनीतिक गतिविधि पर भी नजर रखते हैं और इसकी रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को भेजते है।

सबसे उपर हर लोकसभा क्षेत्र के लिए चार वरिष्ठ नेताओं की एक टीम बनाई गई है। इन्हें प्रभारी व सह प्रभारी तथा संयोजक व सह संयोजक बनाया गया है। इनका काम पूरे लोकसभा क्षेत्र की माॅनिटरिंग और चुनाव के दौश्रान होने वाली सभाओं, रैलियो व अन्य कार्यक्रमो के प्रबंधन का है। इनमें प्रदेश पदाधिकारी स्तर के नेताओं को शामिल किया गया है।

इसके साथ ही पार्टी ने अपने सभी विधायकों को अपने क्षेत्र में ही बने रहने के निर्देश दिए है। दरअसल पार्टी ने कुछ समय पहले चुनावी तैयारियों और संगठनात्मक गतिविधियों के लिए विधायको को दूसरे क्षेत्रों में भेजा था, लेकिन अब चुनाव का समय नजदीक आने के साथ ही सभी विधायको को अपने अपने क्षेत्र में ही काम करने को कहा गया है और यह भी कहा है जहां तक सम्भव हो चुनाव तक अपने क्षेत्र को न छोडें।  


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