पाली में वृद्धा की पत्थर मारकर हत्या, मुंह नोचकर खाया; कुत्तों और भेड़िए की तरह कर रहा हरकतें हत्यारा
जोधपुर पहुंचने पर चिकित्सकों द्वारा पीपीई किट पहनकर उसे भर्ती किया गया। चिकित्सकों के अनुसार देश में संभवत ऐसा पहला मरीज है जिसने किसी की हत्या कर भेडि़ये की तरह उसका मुंह ही नोचकर खाया हो। मामला पाली जिले के सेंदड़ा थाना क्षेत्र का है।
जोधपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के पाली जिले में एक युवक के द्वारा वृद्धा की पत्थर मारकर हत्याकर उसके मुंह व अन्य अंगों को नोचकर खाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोपित युवक रेबीज व हाइड्रोफोबिया का मरीज बताया जा रहा है और आंखों के रोशनी सामने आने पर आक्रामक होता है। इसके मद्देनजर उसे पाली से जोधपुर रेफर किया गया है, वहां मथुरादास माथुर अस्पताल के जेल वार्ड में उसका उपचार किया जा रहा है।
जोधपुर पहुंचने पर चिकित्सकों द्वारा पीपीई किट पहनकर उसे भर्ती किया गया। चिकित्सकों के अनुसार देश में संभवत: ऐसा पहला मरीज है जिसने किसी की हत्या कर भेडि़ये की तरह उसका मुंह ही नोचकर खाया हो। मामला पाली जिले के सेंदड़ा थाना क्षेत्र का है। बताया जा रहा है कि यहां जंगल से एक वृद्धा अपने घर लौट रही थी, इसी दौरान आरोपित युवक ने पहले तो सिर में पत्थर मारकर हत्या की, फिर भेड़िये की तरह मुंह आसमान की ओर उठाया और मृतका का चेहरा ही खा गया। इसके बाद ग्रामीणों ने एक किलोमीटर तक आरोपी का पीछा कर उसे दबोचा।
आरोपी की मानसिक स्थिति और हिंसक गतिविधियों को देखते हुए उसके हाथ पांव बांधकर कड़ी सुरक्षा में पाली के बांगड़ अस्पताल लाया गया। इस दौरान भी युवक के द्वारा और लोगों को काटने का प्रयास किया गया।
रेबीज एवं हाइड्रोफोबिया के लक्षण
रेबीज एवं हाइड्रोफोबिया के प्रारंभिक लक्षण पाए जाने के बाद युवक को पाली से जोधपुर रेफर कर दिया गया। युवक की जेब में मिली पर्ची के अनुसार उसकी पहचान मुंबई के सुरेंद्र (24 वर्षीय )के रूप में हुई है, वह मुम्बई से ही यहां पहुंचा था। युवक की जेब में मिली डॉक्टर की पर्ची (प्रिस्कि्रप्शन) से खुलासा हुआ है कि उसे रेबीज है। डॉक्टरों के अनुसार ऐसे मरीज की 72 घंटे में मौत हो जाती है पर यह अभी तक जिंदा है।
पाली के बांगड़ हॉस्पिटल में गठित मेडिकल बोर्ड की टीम की अभिशंसा पर उसे जोधपुर लाया गया है। चिकित्सकों के अनुसार यह ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज खुद डरने लगता है इसलिए वह पहले ही दूसरे पर हमला कर देता है।
इसलिए पहनना पड़ा पीपीई किट
आरोपित युवक को जोधपुर रेफर किया जाने पर चिकित्सकों ने एहतियात के तौर पर पीपीई पहनकर उसका उपचार शुरू किया। चिकित्सकों को भी काटे जाने का भय था, इसी अंदेशे के चलते इस केस को हैंडल करने वाली मेडिकल टीम ने पीपीई किट भी पहना व अपने मुंह भी ढके जिससे कि उनको अधिक नुकसान न हो।