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Rajasthan: सड़क हादसे में छह लोगों की मौत के मामले में बीमा कंपनी पर दो करोड़ का जुर्माना

Rajasthan अदालत ने चार साल पहले सड़क हादसे में छोटी सादड़ी के एक ही परिवार के छह सदस्यों की मौत के मामले में बीमा कंपनी पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। मामला राजस्थान के प्रतापगढ़ का है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 09:12 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 09:12 PM (IST)
Rajasthan: सड़क हादसे में छह लोगों की मौत के मामले में बीमा कंपनी पर दो करोड़ का जुर्माना
सड़क हादसे में छह लोगों की मौत के मामले में बीमा कंपनी पर दो करोड़ का जुर्माना। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान में प्रतापगढ़ जिले की अदालत ने चार साल पहले सड़क हादसे में छोटी सादड़ी के एक ही परिवार के छह सदस्यों की मौत के मामले में बीमा कंपनी पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

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घटना चार अप्रैल, 2016 की रात छोटी सादड़ी के अभय कुमार, नेमीचंद जैन, विनोद कुमार, सुनील कुमार, गेंदमल तेजावत और वंदन तेजावत की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। उस समय वह कार से नाकोड़ा में आयोजित भजन संध्या से लौट रहे थे कि चार अप्रैल, 2016 की रात सियाखेड़ी के समीप एक डंपर चालक ने उनकी कार को चपेट में ले लिया था। जिसमें कार में सवार सभी छह लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद मृतक के आश्रितों ने अलग-अलग क्लेम याचिका मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण चित्तौड़गढ़ में पेश किया।

जानें, क्या है मामला

याचिका में डंपर चालक भैरूलाल, डंपर मालिक भारती प्रकाश और बीमा कंपनी दी न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी के विरुद्ध दावा किया गया। बीमा कंपनी ने दुर्घटना के लिए कार चालक को दोषी बताते हुए कहा कि घटना के समय उन्हें नींद की झपकी लगी और उनकी गलती की वजह से हादसा हुआ। जबकि दावा पक्ष के वकील का कहना था कि इस मामले में इकलौता गवाह डंपर चालक है, जो हादसे के समय मौजूद था। उसका बीमा कंपनी ने पेश नहीं किया। ऐसे में अदालत ने कार चालक का मामला ना तो मिश्रित उपेक्षा और ना ही अंशदायी उपेक्षा का ठहराया। और दुर्घटना का कारण डंपर चालक की लापरवाही को माना। न्यायाधीश बीएस पांडिया ने इस मामले में बीमा कंपनी को को आदेश दिया कि वह मृतक अभय कुमार, नेमीचंद जैन, गेंदमल तेजावत, सुनील कुमार, विनोद कुमार दक व वंदन तेजावत के आश्रितों को क्रमश: 74 लाख रुपये, बीस लाख रुपये, सत्रह लाख रुपये, दस लाख रुपये, सात लाख रुपये व पांच लाख रुपये की क्षतिपूर्ति राशि दिलाए जाने का आदेश दिए।

नाबालिग से दुष्कर्मे के मामले में बीस साल की कैद

चित्तौड़गढ़ में पोक्सो एक्ट के तहत गठित विशेष अदालत ने तीन साल पहले एक किशोरी के साथ दुष्कर्म के आरोपित को दोषी ठहराते हुए शुक्रवार को बीस साल की कठोर कारावास के साथ 25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। मामला 25 जुलाई, 2018 का था और पीड़िता की मां ने अपने भतीजे खेमराज भोई के खिलाफ उनकी नाबालिग बेटी के अपहरण का मामला दर्ज कराया था। जिसे पुलिस कुछ दिन बाद तलाशने में सफल रही। अदालत में दर्ज 164 के बयान में पीड़िता ने बताया कि युवक खेमराज उसे झांसे में लेकर अपने साथ ले गया था इस बीच, अलग-अलग जगह रखकर उसके साथ दुष्कर्म भी किया। जिस पर निकुम्भ थाना पुलिस ने आरोपित खेमराज के खिलाफ भादसं की धारा 363, 366, 376 के साथ पोक्सो एक्ट की धारा 5(6) के तहत मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की। आरोपित को गिरफ्तार करने के बाद उसे पोक्सो अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इस मामले में चली सुनवाई के बाद पोक्सो अदालत के विशिष्ट न्यायाधीश नाहर सिंह ने आरोपित खेमराज भाई को दोषी माना तथा विभिन्न धाराओं में अधिकतम बीस साल के कठोर कारावास की सजा के साथ 25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।  


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