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Rajasthan: आइआइटी जोधपुर व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बीच हुआ एमओयू

IIT Jodhpur जोधपुर के आइआइटी परिसर में हुए कार्यक्रम में आइआइटी जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर शांतनु चौधरी और एनएचएआई (पीआइयू) जोधपुर के अजय बिश्नोई जीएम (तकनीक) और परियोजना निदेशक की उपस्थिति में इस योजना के तहत हस्ताक्षर हुए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 09:26 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 09:26 PM (IST)
Rajasthan: आइआइटी जोधपुर व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बीच हुआ एमओयू
जोधपुर व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बीच हुआ एमओयू।

जोधपुर, संवाद सूत्र। IIT Jodhpur: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बीच एक एमओयू पर करार हुआ है, जिसके तहत राजमार्ग निर्माण की बेहतरी के लिए अब आइआइटी के स्नातक स्नातकोत्तर छात्रों का सहयोग लिया जाएगा। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इस कार्य के लिए आइआइटीयन इंटर्स को मानदेय भी देगा। जोधपुर के आइआइटी परिसर में इस संबंध में शनिवार को दोनों की विभागों के उच्च अधिकारियों के बीच सैद्धांतिक सहमति बनी और एमओयू साइन हुए। जोधपुर के आइआइटी परिसर में हुए कार्यक्रम में आइआइटी जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर शांतनु चौधरी और एनएचएआई (पीआइयू) जोधपुर के अजय बिश्नोई जीएम (तकनीक) और परियोजना निदेशक की उपस्थिति में इस योजना के तहत हस्ताक्षर हुए।

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इस समझौता के तहत एनएचएआइ और आइआइटी जोधपुर ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग, हाइड्रॉलिक्स इंजीनियरिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम, भूकंप इंजीनियरिंग, शहरी और ग्रामीण योजना, आपदा न्यूनीकरण और प्रबंधन आदि के उद्देश्यों के साथ मिलकर काम करेंगे। इससे एनएचएआइ द्वारा अपनाई जा रही तकनीकों को विकसित करने में सहयोग मिलेगा। 

केंद्रीय विद्यालय बांदरसिंदरी को तीन साल में भी नहीं मिला अपना स्थाई भवन

अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल को पत्र लिखकर केंद्रीय विद्यालय बांदरसिंदरी के स्वयं अपने भवन निर्माण व अन्य सुविधाओं की उपलब्धता के लिए अपेक्षित बजट स्वीकृत किए जाने का आग्रह किया है। सांसद ने बताया कि गत दिनों केंद्रीय विद्यालय बांदरसिंदरी में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के प्रतिनिधि मंडल ने उनके मुलाकात कर विद्यालय के स्थाई भवन के नहीं होने केे कारण अध्ययनरत विद्यार्थीयों को मूलभूत सुविधाओं के अभावों से अवगत कराया था। अभिभावकों ने बताया कि विद्यालय में अध्यनरत विद्यार्थियों को अभावों के चलते समग्र शिक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

उन्होंने अवगत कराया कि केंद्रीय विद्यालय वर्तमान में राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय बांदरसिंदरी, अजमेर, परिसर में ही अस्थाई भवन में संचाललित है। वर्तमान में 425 विद्यार्थी कक्षा एक से दस तक अध्ययनरत हैं, जिसके कक्षा-कक्ष बहुत छोटे है तथा जिनमें 20 से ज्यादा विद्यार्थी नहीं बैठ सकते हैं। वही दूसरी ओर, उक्त विद्यालय में लगभग सभी कक्षाओं में विद्यार्थियों का पंजीकरण 45 से ऊपर है। इसके साथ ही विद्यालय के पास अपना कोई खेल मैदान भी नहीं हैं एवं विद्यालय का स्वयं का भवन ने होने के कारण विद्यालय में कर्मचारी आवास भी उपलब्ध नहीं हैं। उक्त विद्यालय गत 03 वर्षों से अस्थाई भवन में चलने के कारण विद्यालय उच्च माध्यमिक स्तर तक क्रमोन्नत भी नहीं हो पा रहा है। इस वजह से कक्षा 10 के विद्यार्थियों को आगे की शिक्षा अध्ययन के लिए जयपुर (85 किमी दूर) या अजमेर ( 55 किमी दूर) जाना पड़ रहा हैं।

अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के अभिभावकों तथा स्थानीय निवासियों में इस दुविधा से रोष है। सांसद ने यह भी बताया कि हालांकि गत वर्ष केंद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान प्रशासन के पास उक्त केंद्रीय विद्यालय के लिए बजट का आवंटन भी मंत्रालय द्वारा किया गया था। लेकिन स्थानीय विश्वविद्यालय प्रशासन की कथित लापरवाही से उक्त बजट का उपयोग नहीं हो पाया था। सांसद ने मूलभूत सुविधाओं युक्त नवीन भवन व कर्मचारी आवास सुविधा के लिए जल्द से जल्द राशि स्वीकृति करवाकर केंद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान प्रशासन को भवन निर्माण के लिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश देने का आग्रह किया है।


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