संविधान संशोधन हुआ तो राजस्थान में आर्थिक पिछड़ों को मिल सकता है 14 प्रतिशत आरक्षण
राजस्थान में आर्थिक पिछड़ों को 14 प्रतिशत आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
मनीष गोधा, जयपुर। आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णो को 10 प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर संविधान संशोधन हुआ तो राजस्थान में आर्थिक पिछड़ों को 14 प्रतिशत आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। दरअसल, राजस्थान देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां आर्थिक पिछड़े कौन हो सकते हैं, इसका सर्वेक्षण हो चुका है।
राजस्थान में पिछली सरकार के समय वर्ष 2015 में आर्थिक पिछड़ों को 14 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक विधानसभा में पारित किया गया था। हालांकि, इसका विधेयक पारित होने की अधिसूचना अभी जारी नहीं की गई है। दरअसल, संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं है।
गुर्जर आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट यह तय कर चुका था कि आरक्षण किसी भी स्थिति में 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता। ऐसे में यह जरूरी था कि आर्थिक पिछड़े कौन होंगे, इसका आंकड़ा तैयार किया जाए और सर्वे करवा कर आर्थिक आधार पर आरक्षण पाने वालों को चिह्नित किया जाए। आरक्षण की पात्रता तय की जाए। ऐसे में सरकार ने सर्वे करा लिया था।
सर्वे के लिए तत्कालीन सरकार ने आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया था। इस आयोग के उपसचिव रहे राजस्थान प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी दीप प्रकाश माथुर का कहना है कि राजस्थान अकेला ऐसा राज्य है, जिसने आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर आर्थिक पिछड़ों को चिह्नित किया है।
यह रिपोर्ट सरकार के पास है। ऐसे में यदि संविधान संशोधन होता है तो यहां 14 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जा सकता है। राजस्थान में भाजपा सरकार में सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री रहे अरुण चतुर्वेदी का कहना है कि राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां आर्थिक पिछड़ा वर्ग की परिभाषा तय की गई और इसका पूरा डेटा तैयार किया गया। संविधान संशोधन होता है तो यहां आर्थिक आधार पर आरक्षण मिलने में कोई कानूनी अड़चन नहीं आएगी।
अशोक गहलोत बोले-सवर्णों को आरक्षण 10 नहीं 14 प्रतिशत दे मोदी सरकार
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि आíथक रूप से पिछड़ों (ईबीसी )को 10 नहीं 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए। 14 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग उन्होंने बहुत पहले की थी । इसके लिए उन्होंने 1998 में ही मुख्यमंत्री रहते हुए कैबिनेट का प्रस्ताव दिया था।
केंद्र की तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार को पत्र भेजा था। इसमें कहा गया था कि आíथक रूप से पिछड़ों को आरक्षण मिलना चाहिए। इसके लिए केंद्र सरकार संविधान में संशोधन करे । इसके बाद हमारी सरकार चली गई, लेकिन अब भी वह प्रस्ताव मौजूद था।