Rajasthan : पति और तीन बच्चे जोधपुर में तो पत्नी फंसी पाकिस्तान में, अब केंद्र से लगाई गुहार
पति और तीन बच्चे जोधपुर में तो पत्नी फंसी पाकिस्तान मेंअब केंद्र से लगाई गुहार नियमों के कारण पत्नी नहीं आ पा रही भारत
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के जोधपुर,बाड़मेर, जैसलमेर सहित कई जिलों में रह रहे पाकिस्तानी विस्थापितों को लंबे समय से भारतीय नागरिकता का इंतजार है। इसी बीच जोधपुर की एक पाक विस्थापित महिला की पीड़ा सामने आई। जनता नाम की यह महिला 14 साल बाद पाकिस्तान में रह रही अपनी मां से मिलने चार माह पूर्व कराची गई थी। लेकिन पाकिस्तान सरकार के नियमों के चलते वह वापस भारत नहीं आ पा रही है । एक तरफ जनता वहां फंसी है,वहीं दूसरी तरफ उसके तीन बच्चे और पति जोधपुर में उसका इंतजार कर रहे हैं । मां के बिना बच्चे परेशान हो रहे हैं ।
जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी विस्थापित लीलाराम अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अपने ससुराल पाकिस्तान गया था । वह बच्चों के साथ वहां से लौटकर भारत आ गया, लेकिन उसकी पत्नी को पाकिस्तान से भारत नहीं आने दिया गया।
पत्नी को नहीं मिली है भारतीय नागरिकता
पेशे से मजदूर लीलाराम अपने परिवार के साथ जोधपुर के चोपासनी हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में रहता है। लीलाराम को भारत की नागरिकता मिल चुकी थी, लेकिन पत्नी जनता को नागरिकता नहीं मिल पाई,इसलिए वह वीजा पर जोधपुर में रह रही थी। लॉकडाउन से पूर्व भारत सरकार से अनुमति लेकर यह परिवार पाकिस्तान गया था, लेकिन लॉकडाउन लगने और अनुमति की अवधि समाप्त हो जाने के चलते जब यह परिवार भारत लौटना चाहा, तो सिर्फ लीलाराम और उसके बच्चे को भारत में प्रवेश दिया गया । पत्नी को भारत आने नहीं दिया गया।
लीलाराम का कहना है कि उसके तीन बच्चे हैं सबसे छोटा 6 साल का है तो एक दूसरा 8 और सबसे बड़ा 9 साल का है । बच्चे मां के बिना परेशान हो रहे हैं। लीलाराम सरकार से गुहार लगा रहा है कि उसकी पत्नी को भी भारत आने दिया जाए। लीलाराम की पत्नी पाकिस्तान से एक वीडियो संदेश भेजकर भारत सरकार से गुहार लगाई है । वीडियो में उसने कहा कि पाकिस्तान में महिलाओं के लिए माहौल ठीक नहीं है, विशेष तौर पर हिंदू महिलाओं के लिए पाकिस्तान में रहना नर्क में रहने के समान है। उसके बच्चे और पति भारत में हैं, इसलिए उसे भी जल्द भारत बुलाया जाए ।
पाक विस्थापितों के लिए लंबे समय से काम कर रहे हिंदू सिंह सोढ़ा का कहना है कि भारत सरकार को इस पर संज्ञान लेकर पाकिस्तानी दूतावास से बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में केंद्र सरकार के गृह विभाग और जोधपुर जिला कलेक्टर को पत्र लिखा गया है ।