Move to Jagran APP

Coronavirus Lockdown effect: वन्यजीवों पर शिकारियों की नजर, केंद्र ने किया सतर्क-राजस्थान के तीनों टाइगर रिजर्व में सुरक्षा बढ़ाई

कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के बीच शिकारियों नजर वन्यजीवों पर है। केंद्र ने किया सतर्क-राजस्थान के तीनों टाइगर रिजर्व में सुरक्षा बढ़ाई।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 09:30 AM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 09:30 AM (IST)
Coronavirus Lockdown effect: वन्यजीवों पर शिकारियों की नजर, केंद्र ने किया सतर्क-राजस्थान के तीनों टाइगर रिजर्व में सुरक्षा बढ़ाई
Coronavirus Lockdown effect: वन्यजीवों पर शिकारियों की नजर, केंद्र ने किया सतर्क-राजस्थान के तीनों टाइगर रिजर्व में सुरक्षा बढ़ाई

जयपुर, जागरण संवाददाता। Coronavirus Lockdown effect: कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के बीच शिकारियों नजर वन्यजीवों पर है। विशेषकर टाइगर और रींछ व चिंकारा हिरण का शिकारी शिकार करना चाहते हैं। इस बात का खुलासा वन विभाग को मिली एक गुप्त सूचना में हुआ है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से मिली ख़ुफ़िया जानकारी के बाद में राजस्थान के वन विभाग ने प्रदेश की तीनों सेंचूरी और वन्य जीवों के विचरण करने वाले अन्य स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी है।

loksabha election banner

खुफिया जानकारी के मुताबिक देशभर के अलग-अलग हिस्सों शिकार माफिया दुर्लभ जीवों का शिकार करने की तैयारियों में जुटा हुआ है। शिकार गैंग की लिस्ट में निशाने पर टॉप पर टाइगर है। उसके अलावा 18 बेहद दुर्लभ जीवों का शिकार करने की तैयारियां की जा रही है।

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के आईजी फॉरेस्ट सौमित्र दासगुप्ता का पत्र मिलने के बाद में राजस्थान के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर ने प्रदेशभर में हाई अलर्ट जारी कर दिया है । प्रदेश के तीनों टाइगर रिजर्व में चौकसी बढ़ाई गई है।

कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के बीच शिकारियों नजर वन्यजीवों पर है। विशेषकर टाइगर और रींछ व चिंकारा हिरण का शिकारी शिकार करना चाहते हैं। इस बात का खुलासा वन विभाग को मिली एक गुप्त सूचना में हुआ है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से मिली ख़ुफ़िया जानकारी के बाद में राजस्थान के वन विभाग ने प्रदेश की तीनों सेंचूरी और वन्य जीवों के विचरण करने वाले अन्य स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी है। अधिकारियों को कहा गया है कि वे अपने-अपने इलाकों में शिकारियों पर विशेष निगाह रखें और ध्यान रखें कि कहीं उनके इलाकों में दुर्लभ जीवों का शिकार ना हो जाए।

जानकारी के अनुसार शिकारी टाइगर, रींछ, पैंथर, पेंगोलिन, नेवले, चिंकारा हिरण, चौसिंघा, काला हिरण, मोर, डेसर्ट मोनिटर लिजर्ड, स्पिनी टेल्ड लिजर्ड, गोडावण, हबूरा गोडावण व लेसर फ्लोरिकन का शिकार करना चाहते हैं । कछुए की तीन प्रजातियां भी शिकारियों के निशाने पर है। प्रदेश के अलवर जिले में सरिस्का, सवाई माधोपुर जिले में रणथम्भौर व कोटा के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व काफी चर्चित है। इनमें देशभर से वन्यजीव प्रेमी आते हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.