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दुश्मन ने अशांति फैलाई तो मुंह तोड़ जवाब देंगे: राजनाथ सिंह

राजनाथ ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा में तकनीकी संसाधनों के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है, ताकि जवानों को 24 घंटे वहां खड़ा नहीं रहना पड़े

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 19 Oct 2018 05:00 PM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 12:43 AM (IST)
दुश्मन ने अशांति फैलाई तो मुंह तोड़ जवाब देंगे: राजनाथ सिंह
दुश्मन ने अशांति फैलाई तो मुंह तोड़ जवाब देंगे: राजनाथ सिंह

जागरण संवाददाता, जयपुर। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा पर जब तक दुश्मन के हथियार शांत रहेंगे, तब तक हमारे हथियार भी मुंह नहीं खोलेंगे। जब दुश्मन अशांति फैलाने का प्रयास करेगा तो हम भी मुंह तोड़ जवाब देंगे। दो दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन शुक्रवार को विजयदशमी के मौके पर बीकानेर स्थित बीएसएफ के सेंक्टर मुख्यालय में शस्त्र पूजन के बाद वह जवानों को संबोधित कर रहे थे।

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राजनाथ ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा में तकनीकी संसाधनों के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है, ताकि जवानों को 24 घंटे वहां खड़ा नहीं रहना पड़े। सीमा सुरक्षा को और चुस्त-दुरुस्त बनाने के साथ ही सीमा पर जवानों का तनाव कम करने के लिए कॉम्प्रेहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (सीआइबीएमएस) को लागू किया जा रहा है। सीआइबीएमएस को पायलट प्रोजक्ट के रूप में जम्मू-कश्मीर में 10 किलोमीटर और असम के दूहरी में 60 किलोमीटर के लिए शुरू किया गया है।

उन्होंने कहा कि स्मार्ट फेंसिंग प्रोजेक्ट और सीआइबीएमएस जैसे कदमों के जरिये हम सीमा सुरक्षा बढ़ाना चाहते हैं, ताकि जवानों को सीमा पर लगातार खड़े नहीं रहना पड़े। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हमने नियंत्रण रेखा पर ऐसी अभेद दीवार खड़ी की है, जिससे घुसपैठ पर अंकुश लगा है।

बीएसएफ के जवानों से घबराते हैं पाकिस्तानी रेंजर्स
शस्त्र पूजन के बाद जवानों और उनके परिजनों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि सीमा पर हमारी ताकत बीएसएफ के जवान हैं। बीएसएफ के जवानों के हौंसलों से पाकिस्तानी रेंजर्स भी घबराते हैं। हमें गर्व है कि हमारे पास सेना और सुरक्षा बलों में ऐसे जवान हैं, जो राष्ट्रीय स्वाभिमान को सर्वोपरि मानते हैं।

दशहरा पर्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि रावण, राम से ज्यादा धनवान और बलवान था, क्योंकि रावण ने मृत्यु को जीत लिया था, लेकिन फिर भी हार हुई, क्योंकि अंतर मर्यादा का अभाव था। इसलिए मनुष्य के जीवन में चरित्र का महत्व बड़ा होता है। इस दौरान राजनाथ ने सीमा चौकी का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि बीएसएफ के जवानों में राष्ट्रीय स्वाभिमान की भावना है, जो सभी को प्रेरित करती है। इसी देशप्रेम की भावना ने चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह व खुदीराम बोस को देश की आजादी के लिए लड़ने को प्रेरित किया था।

शांत हुआ है नक्सलवाद
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि कश्मीर में शांति बनी रहे। वहां विकास जरूरी है। इसके लिए हम सब मिलकर प्रयासरत हैं। खासतौर पर कश्मीर को बजट भी अधिक दिया जा रहा है। पिछले चार सालों में नक्सलवाद शांत हुआ है। एनएसजी कमांडों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इनके हौंसले माउंट एवरेस्ट से भी ऊंचे हैं।

तीन वीरांगनाओं का सम्मान किया
राजनाथ ने इस मौके पर तीन वीरांगनाओं का सम्मान किया। उन्होंने कहा कि वैसे तो शहादत का कोई मोल नहीं होता, लेकिन अब यदि कोई भी सैनिक शहीद होता है तो सरकार की तरफ से करीब एक करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई के लिए भी विचार किया जा रहा है।

 इससे पहले गुरुवार रात गृहमंत्री ने बीएसएफ के अधिकारियों के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा की स्थिति पर विचार विमर्श किया। इसके बाद सीमा सुरक्षा बल परिसर में रसोईघर का भ्रमण किया और वहां मौजूद जवानों से बातचीत की। गृहमंत्री रात को सेक्टर मुख्यालय बीकानेर में आयोजित बड़े खाने में भी शामिल हुए।


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