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हाईकोर्ट ने पहलू खान, उसके बेटों और ट्रक चालक के खिलाफ एफआईआर रद्द करने के दिए आदेश

हाईकोर्ट ने पहलू खानउसके दोनों बेटों और ट्रक चालक के खिलाफ एफआईआर रद्द करने के आदेश दिए-इरशाद और ड्राइवर खान मोहम्मद की ओर से दायर याचिका के बाद आदेश दिए

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 11:34 AM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 11:34 AM (IST)
हाईकोर्ट ने पहलू खान, उसके बेटों और ट्रक चालक के खिलाफ एफआईआर रद्द करने के दिए आदेश
हाईकोर्ट ने पहलू खान, उसके बेटों और ट्रक चालक के खिलाफ एफआईआर रद्द करने के दिए आदेश

जयपुर, जागरण संवाददाता। देश के चर्चित पहलू खान मॉब लिंचिंग (उन्मादी हिंसा) मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने मृतक पहलू खान,उसके दोनों बेटों इरशाद और आरिफ के साथ ही ट्रक चालक खान मोहम्मद के खिलाफ साल पुलिस में दर्ज एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) और चार्जशीट रद्द करने के आदेश दिए हैं।

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पहलू खान,उसके दोनों बेटों और खान मोहम्मद के खिलाफ पुलिस ने गोतस्करी को लेकर अप्रैल, 2017 में एफआईआर दर्ज की थी। बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस पंकज भंडारी ने एफआईआर और चार्जशीट रद्द करने के आदेश दिए हैं। एफआईआर रद्द करने को लेकर इरशाद, आरिफ और खान मोहम्मद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने अपने फैसले में माना कि पहलू खान, उसके दोनों बेटों और ट्रक चालक के पास से बरामद की गई गायें दुधारू थी। इन गायों के साथ दो बछड़े भी थे।

पहलू खान के पास जयपुर के पशु हटवाड़ा से गाय खरीदने की रसीद (रवन्ना) भी थी। इन गायों को हरियाणा के नूंह स्थित डेयरी में ले जाने के प्रमाण भी मिले हैं। कोर्ट ने कहा कि पुलिस चारों के खिलाफ गोतस्करी का मामला साबित नहीं कर सकी है। पहलू खान की मौत होने के कारण उसके खिलाफ तो मामला स्वत: ही समाप्त हो गया है। 1 अप्रैल 2017 को पहलू खान को गोतस्करी के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर घायल कर दिया था। अस्पताल में 4 अप्रैल,2017 को उसकी मौत हो गई थी।

अलवर पुलिस ने 24 मई, 2017 को राजस्थान गोवंश पशु अधिनियम, 1995 के तहत इरशाद, आरिफ और खान मोहम्मद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। पहलू खान की मौत हो चुकी थी, इसलिए उनका नाम शामिल नहीं किया गया। हालांकि, उसका नाम चार्जशीट की समरी में था। पुलिस अपने रुख पर कायम थी कि जांच में पहलू खान, उसके बेटों और खान मोहम्मद के खिलाफ मामला साबित हुआ है।

दो साल तक ऐसे चला पूरा घटनाक्रम

1अप्रैल, 2017 को हरियाणा के नूंह निवासी पहलू खान अपने दोनों बेटों इरशाद और आरिफ के साथ एक ट्रक में जयपुर के पशु हटवाड़े से छह गायें और दो बछड़े खरीद कर ले जा रहा था। बहरोड़ हाईवे पर कथित गोरक्षकों ने ट्रक को रूकवाया और पहलू खान उसके दोनों बेटों एवं ट्रक चालक खान मोहम्मद के साथ मारपीट की थी। इस घटना में पहलू खान बुरी तरह से घायल हो गया था। घटना के करीब दो घंटे बाद घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने पहलू खान को कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया था।

पुलिस ने रात साढ़े ग्यारह बजे पहलू खान के पर्चा बयान लिए,लेकिन मुकदमा 16 घंटे बाद दर्ज किया था। इस कारण इस मामले में पुलिस की पहलू खान और उसके दोनों बेटों के साथ मारपीट करने वालों के साथ मिलीभगत होने के आरोप लगे थे। पहलू खान ने 6 लोगों के खिलाफ नामदज रिपोर्ट दी थी। उसने 200 अन्य लोगों पर भी मारपीट करने का आरोप लगाया था। पहलू खान की इलाज के दौरान 4 अप्रैल,2017 को मौत हो गई थी । पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया। पहलू के शव का पोस्टमार्टम हुआ।

-5 अप्रैल,2017 को अलवर पुलिस अधीक्षक ने 6 नामजद लोगाें के खिलाफ पांच-पांच हजार रुपए का ईनाम घोषित कर दिया।

-7 अप्रैल,2017 को मामले की जांच बहरोड़ पुलिस उप अधीक्षक को सौंप दी गई।

-8 अप्रैल,2017 को राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी। केंद्र सरकार ने तत्कालीन भाजपा सरकार से इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी।

-9 अप्रैल,2017 को तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक हेमंत प्रियदर्शी ने घटना स्थल का मुआयना किया था।

-26अप्रैल,2017 को गिरफ्तारी और पुलिस द्वारा लोगों को परेशान करने के विरोध में बहरोड़ बंद रहा।

-27अप्रैल,2017 को तत्कालीन गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने घटना स्थल का दौरा किया था।

-31 मई,2017 को आरोपितों कालूराम,रविंद्र यादव,योगेश कुमार,विपिन यादव और दयानंद के खिलाफ आरोप- पत्र पेश किया गया।

-5जनवरी,2018 को भीम राठी को आरोपी मानते हुए धारा 173 के तहत सप्लीमेंट्री आरोप-पत्र पेश किया गया।

-25फरवरी,2018 को बहरोड़ अतिरिक्त सत्र न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया गया।

- पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपितों को नाबालिग मानते हुए उनके खिलाफ जुवेनाइल कोर्ट में चालान पेश किया।

- इस मामले का ट्रायल बहरोड़ एडीजे कोर्ट में चला,लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मामला अलवर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय की जज सरिता स्वामी ने मामले की सुनवाई की।

-14अगस्त,2019 को कोर्ट ने आरोप साबित नहीं होने पर संदेह का लाभ देते हुए आरोपित विपिन यादव, रविन्द्र, कालूराम, दयानंद, योगेश कुमार खाती और भीम राठी को बरी करने का फैसला सुना दिया।

-इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले की दोबारा जांच की घोषणा की और एसआईटी गठित की थी। 


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