Heavy Rain in Rajasthan: राजस्थान के सीकर और बीकानेर में भारी बारिश, बाढ़ जैसे हालात; दो की मौत
Heavy rain in Sikar. राजस्थान के सीकर और बीकानेर में भारी बारिश की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। दक्षिण पश्चिमी मानसून पूर्वी राजस्थान में सक्रिय हो गया है। राजस्थान के सीकर और बीकानेर जिलों में भारी बारिश के कारण हालात बिगड़ने लगे हैं। सीकर में बाढ़ के हालात होने के कारण एसडीआरएफ की टीमें पहुंच गई हैं। निचले इलाकों में बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के साथ ही प्रशासन ने लोगों से घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की है। सीकर जिला मुख्यालय का रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड़ में पानी ही पानी नजर आ रहा है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए जयपुर से नाव सीकर पहुंचाई गई है।
भारी बारिश के कारण सीकर जिले के गोटेगांव में दो बालक पानी में बह गए। इनमें से एक बालक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, जबकि एक बालक की मौत हो गई। इसी तरह सीकर जिले के रानोली में बरसाती नाले में तीन बाइक सवार गिर गए, जिनमें से एक की मौत हो गई, दो को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। सीकर शहर के साथ ही लक्ष्मणगढ़ और फतेहपुर में भी बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए हैं। सीकर जिले के कई गांवों का संपर्क आपस में टूट गया है। सीकर में बुधवार दोपहर से गुरुवार तक मध्यम से भारी बारिश का दौर जारी रहा।
जयपुर सहित इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने शुक्रवार को जयपुर, भरतपुर, सीकर, झुंझुनूं, सवाई माधोपुर, भरतपुर, करौली, दौसा, अलवर, बारां, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और उदयपुर जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
सक्रिय हुई सरकार
सीकर में भारी बारिश के बाद बिगड़े हालात और प्रदेश के 16 जिलों में शुक्रवार को भारी बारिश की चेतावनी के बाद सरकार सक्रिय हो गई है। आपदा राहत मंत्री भंवरलाल मेघवाल ने सभी जिला कलेक्टरों को आवश्यक बंदोबस्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कलेक्टरों से हर स्थिति के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। जयपुर में करीब 18 दिन बाद बुधवार दोपहर बाद से बरसात का दौर शुरू हुआ, जो गुरुवार को दिनभर जारी रहा। जयपुर शहर के कई इलाकों में बारिश के कारण सड़कों-गलियों में पारी भर गया। जयपुर के महापौर विष्णु लाटा ने अधिकारियों के साथ शहर का दौरा कर बारिश से उत्पन्न हालात का जायजा लिया।
जयपुर सहित चार जिलों के लिए सिर्फ 37 दिन का पानी
राजस्थान में इस बार बारिश की बेरूखी से जयपुर, टोंक, अजमेर और नागौर में पेयजल संकट की भयावह स्थिति बनने की आशंका है। जयपुर सहित इन चार जिलों को पानी की आपूर्ति करने वाले बीसलपुर बांध में सिर्फ 31 अगस्त तक यानी 37 दिन का पानी बचा है। ऐसे में अब जयपुर में दो दिन में एक बार पानी की आपूर्ति पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि जयपुर, अलवर, नागौर, टोंक, आदि स्थानों पर बुधवार को हुई अच्छी बारिश ने कुछ राहत जरूर दी है। राजस्थान के कुल जिलों में से लगभग आधे जिलों में औसत से 40 फीसद तक कम बारिश हुई है। राजस्थान के बांधों में सिर्फ 33 प्रतिशत पानी बचा है। सबसे खराब हालत बीसलपुर बांध की है।
जयपुर के पास टोंक जिले में स्थित इस बांध से जयपुर, अजमेर, टोंक और नागौर जिले को पानी की आपूर्ति की जाती है। इस बांध में पिछले वर्ष भी बहुत कम पानी आया था और अब तेज गर्मी व बारिश में देरी के कारण यहां सिर्फ पांच फीसद पानी बचा है। जलदाय विभाग का कहना है कि अब यहां सिर्फ 31 अगस्त तक का पानी है। बीसलपुर के जलभराव क्षेत्र में बारिश नहीं हुई तो जयपुर सहित इन जिलों में पेयजल संकट की भयावह स्थिति बन जाएगी। हालांकि आपात स्थिति से निपटने के लिए जयपुर शहर में 683 नए ट्यूबवेल खनन की तैयारी है।
दो दिन में एक बार जल आपूर्ति पर भी मंथन तेज कर दिया गया है। कई बड़े इलाकों तक दूसरे क्षेत्रों से पानी पहुंचाने पर काम शुरू हो गया है। बीसलपुर बांध में 2.27 टीएमसी पानी ही बचा है। यहां से 330 एमएल पानी जयपुर के लिए आ रहा है। शहर में 72 पंप हाउस हैं। सभी पर अलग-अलग पानी की मौजूदा स्थिति और जरूरत की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। हालात को देखते हुए सरकार को पहली बार निजी ट्यूबवेल से पानी लेना पड़ रहा है। बंद पड़े सभी 273 ट्यूबवेल शुरू किए गए हैं। जयपुर में जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता देवराज सोलंकी का कहना है कि जयपुर के लिए आपात योजना बना रहे हैं, ताकि बीसलपुर बांध में अपेक्षित पानी की आवक नहीं होने पर शहर में नियमित तौर पर जल आपूर्ति की जा सके।
मुख्यमंत्री ने बुलाई बैठक
इस बीच बारिश की कमी के कारण हो रही परेशानी को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार रात अधिकारियों की बैठक बुलाई और सभी विभागों को आकस्मिक इंतजामों की पुख्ता तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग पेयजल तथा पशुधन के चारे के लिए योजना तैयार आवश्यक प्रक्रियाएं और वित्तीय स्वीकृतियां समय रहते ही पूरी कर लें। हालांकि बैठक में मौसम विभाग की ओर से बताया गया कि 27 जुलाई से एक अगस्त के बीच प्रदेशभर में अच्छी बारिश होने की संभावना है।