अजमेर में वर्षों बाद जमकर बरसे बदरा, सड़कें व बस्तियां तरबतर; रास्ते हुए जाम
Heavy rain in Ajmer. भारी बारिश के चलते अजमेर पानी-पानी हो गया। जाम की वजह से वाहनों की रफ्तार थम गई।
अजमेर, जेएनएन। गुरुवार की सुबह लोगों को 18 जुलाई, 1975 की याद आ गई। बादल जमकर बरसे। सभी ओर पानी ही पानी हो गया। बदरा ऐसे बरसे की पिछले कई साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए। अजमेर तो वैसे भी नालों का शहर कहलाता है। ऐतिहासिक आनासागर झील में तो बारिश का जल समाया ही नहीं। पानी सड़कों को लांघता हुआ बस्तियों और घरों में जा घुसा।
शहर के चारों ओर के रास्ते जाम हो गए। यातायात थम गया। स्कूलों में बच्चे और अभिभावकों की जान सांसत में फंस गई। जिला प्रशासन के पास हालात से निपटने के लिए सिर्फ कागजी घोड़े ही नजर आए। कहीं कोई आपदा प्रबंधन के लोग स्थिति को संभालने सड़कों पर दिखाई नहीं दिए। रही सही कसर सीवरेज सर्विस ने पूरी कर दी। सड़कों पर जहां से सीवरेज गुजरी है, वहां सीवरेज लाइन के ढक्कन उखड़ गए और पानी सीवरेज से उफनता हुआ बहता रहा।
विद्युत विभाग ने करंट न दौड़े इसलिए कुछ इलाकों में बिजली काट दी। बारिश करीब चार घंटे जमकर बरसने के बाद थमी तो शहर के नगर निगम के नालों की सफाई के दावे की पोल खुल गई। घंटों तक सड़कें ही नालों की तरह बनी रहीं।
पुष्कर सरोवर में आया पानी
अजमेर से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तीर्थराज पुष्कर में इंद्रदेव की जमकर मेहरबानी रही। पवित्र पुष्कर सरोवर जो कि पानी को लेकर जिला प्रशासन की मेहरबानी का इंतजार कर रहा था, इंद्रदेव ने एक ही बरसात में सारी उम्मीद पूरी कर दी। पुष्कर के हर कोने से पानी के नाले, पहाड़ों से झरने फूट निकले। नाग पहाड़ से पुष्कर सरोवर में पानी की तेज आवक हुई। प्रशासन यहां अलर्ट पर हुआ। विधायक सुरेश रावत, पालिका अध्यक्ष कमल पाठक ने जायजा लिया। निचली बस्तियों में जहां पानी भरने की आशंका थी, वहां की व्यवस्थाओं को दुरस्त करने के निर्देश दिए। जगह-जगह पानी भरने, घरों और स्कूलों की दीवारों के टूटने व गिरने की सूचनाएं हैं।
जिला प्रशासन ने जगह-जगह तैराक तैनात किए
जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने जिले में बाढ़ बचाव के लिए उपखंड कार्यालय मसूदा, भिनाय, पुष्कर तथा केकड़ी में उप नियंत्रक नागरिक सुरक्षा से प्राप्त सूची से स्वयं सेवकों को तैराक के रूप में लगाया है। ये तैराक उपखंड अधिकारी के निर्देशानुसार कार्य करेंगे। उपखंड कार्यालय मसूदा एवं भिनाय के लिए छह-छह तैराक, पुष्कर के लिए 12 तथा केकड़ी के लिए नौ तैराकों को लगाया है।
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