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दक्षिणी राजस्थान में भारी बारिश, वज्रपात से तीन की मौत

गोगुन्दा क्षेत्र के कुण्डेश्वर महादेव मंदिर के समीप वज्रपात से तीन लोगों की मौत हो गई। इधर मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे उदयपुर संभाग में मूसलाधार बारिश की चेतावनी दी है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 09:09 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 09:09 PM (IST)
दक्षिणी राजस्थान में भारी बारिश, वज्रपात से तीन की मौत
दक्षिणी राजस्थान में भारी बारिश, वज्रपात से तीन की मौत

उदयपुर, संवाद सूत्र। दक्षिणी राजस्थान मेवाड़-वागड़ में रविवार को जमकर बारिश हुई। सुबह से शाम तक चली मूसलाधार बारिश के चलते क्षेत्र के ज्यादातर बांध-तालाब लबालब हो चुके हैं, जबकि नदी-नाले अपने खतरे के निशान से ऊपर बहने लगे। वागड़ का प्रयाग बेणेश्वर धाम टापू में तब्दील हो गया, उस तक पहुंचने वाले तीनों पुलों पर दस फीट से अधिक पानी बहने लगा। संभाग के दोनों बड़े बांध माही तथा सोम-कमला-आंबा के गेट खोल दिए गए हैं तथा तलहटी क्षेत्र में रहने वाले लोगों से ऊंचाई वाले सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कह दिया गया है। उदयपुर में रविवार शाम साढ़े पांच बजे तक जारी मूसलाधार बारिश के चलते निचली बस्तियोंं में पानी भर गया। कई घरों में दो फीट से अधिक पानी भरने की जानकारी मिली है।

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उदयपुर की झील में गिरने वाली सीसारमा नदी उफान पर है। जबकि मदार नहर से भी फतहसागर में पानी आने लगा है। गोगुन्दा क्षेत्र के कुण्डेश्वर महादेव मंदिर के समीप वज्रपात से तीन लोगों की मौत हो गई। इधर, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे उदयपुर संभाग में मूसलाधार बारिश की चेतावनी दी है। मेवाड़-वागड़ में शनिवार को हुई तेज बारिश के बाद रविवार को भी कई घंटों तक मूसलाधार बारिश का क्रम शुरू हो गया, जो शाम साढ़े पांच बजे तक थमा। इसके चलते संभाग के सबसे बड़ी माही बांध के सभी सोलह गेट खोल दिए गए। मध्य प्रदेश में हुई बारिश का पानी माही बांध में आता है और इसके गेट खोलने के बाद यहां से पानी गुजरात के कड़ाना डेम में पहुंचता है।

शनिवार को ही बांसवाड़ा जिला प्रशासन ने तलहटी में रहने वाले परिवारों से सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की अपील की तथा अवगत कराया कि कभी भी बांध के गेट खोले जा सकते हैं। इसी तरह डूंगरपुर जिले के सबसे बड़े तथा संभाग के दूसरे बड़े बांध सोम-कमला-आंबा के गेट भी शनिवार रात खोल दिए गए। इसके चलते बांसवाड़ा तथा डूंगरपुर जिले की सीमा पर स्थित आदिवासियों का प्रयाग बेणेश्वर धाम टापू में तब्दील हो गया। माही, सोम तथा अनास तीनों ही नदियां अपने उच्चतम स्तर पर बह रही है। जिसके चलते बेणेश्वर धाम के गनोड़ा पुल पर नौ फीट, बलाई पुल पर तेरह फीट तथा गनोड़ा पुलिया पर आठ फीट पानी बह रहा है। क्षेत्र के लोहारिया पुल पर पांच फीट पानी के बहाव के चलते उदयपुर-बांसवाड़ा मार्ग बाधित हो गया है। यहां से गुजरने वाली चाप नदी तथा सतोरी नदी पूरे उफान पर है।

डूंगरपुर जिले का दूसरा बड़ा बांध हेरो तथा ओड़ा तालाब छलक उठे हैं। इधर, उदयपुर शहर तथा जिले में हुई तेज बारिश के चलते निचली बस्तियों में रहने वाले लोगों की हालत खराब हो गई है। निचली बस्तियों में दो-दो फुट तक पानी भर गया है। सेन्ट्रल एरिया सहित अन्य बस्तियों के कई घरों में पानी भर गया। इन घरों में भोजन बनाने तक के लिए जगह नहीं रही। इसी तरह शक्तिनगर, भट्टजी की बाड़ी तथा बेकनी पुलिया के समीप की बस्ती के कई घरों में बरसाती पानी घुस गया। उदयपुर की पीछोला झील में गिरने वाली सीसारमा नदी का जलस्तर बारह फीट तक पहुंच गया है।

उदयपुर जिले के गोगुंदा उपखंड के कुण्डेश्वर महादेव मंदिर के समीप रविवार को हुई मूसलाधार बारिश के दौरान वज्रपात से तीन लोगों की मौत हो गई। शनिवार को बांसवाड़ा जिले में अस्थि विसर्जन के दौरान अनास नदी में तेज बहाव के दौरान पांच लोग बह गए। जिनमें से चार का पता नहीं चला, जबकि एक का शव बरामद हो चुका है।


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