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Priest Murder Case: पुजारी हत्याकांड में ग्रामीण बोले, राजस्व विभाग व पुलिस सही जांच करती तो नहीं होती पुजारी की मौत

Priest Murder Case गांव में दबंगों ने पुजारी बाबूलाल वैष्णव को पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जला दिया। उपचार के दौरान जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में पुजारी की मौत हो गई। इस घटना को लेकर बूकना गांव से लेकर जयपुर और दिल्ली तक राजनीति तेज हो गई।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 03:40 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 03:40 PM (IST)
Priest Murder Case: पुजारी हत्याकांड में ग्रामीण बोले, राजस्व विभाग व पुलिस सही जांच करती तो नहीं होती पुजारी की मौत
राजस्थान के करौली में पुजारी हत्याकांड को लेकर लोगों में रोष है।

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। Priest Murder Case: राजस्थान में करौली जिले के बूकना गांव में दबंगों ने पुजारी बाबूलाल वैष्णव को पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जला दिया। उपचार के दौरान जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में पुजारी की मौत हो गई। इस घटना को लेकर बूकना गांव से लेकर जयपुर और दिल्ली तक राजनीति तेज हो गई। प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार विपक्षी दल भाजपा के साथ ही ब्राह्मण व सामाजिक संगठनों के निशाने पर है। ग्रामीणों का कहना है कि विवाद लंबे समय से चल रहा था। पुजारी और विरोधी पक्ष दोनों ने स्थानीय पटवारी व पुलिस थाने में रिपोर्ट दी थी। लेकिन ना तो पटवारी ने मामले को निपटाने का प्रयास किया और ना ही पुलिस थाना अधिकारी ने प्रकरण को निपटाने में दिलचस्पी दिखाई।

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ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन सही समय पर कदम उठाता तो पुजारी जिंदा होते। पुजारी के साथ दबंगों ने क्या किया, यह बात ग्रामीणों ने "दैनिक जागरण" से साथ साझा की। गांव के 70 वर्षीय रामलखन का कहना है कि दबंग मंदिर की जमीन पर कब्जा करना चाहते थे। दबंगों ने उस जमीन पर एक झोपड़ी बना ली थी। दूसरी झोपड़ी लगाने जा रहे थे। इसकी जानकारी मिलने के बाद पुजारी बाबूलाल वैष्णव ने इसका विरोध किया और मौके पर जाकर उन्हें ऐसा करने से रोकने की कोशिश की। दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ा तो आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए। ग्रामीण दोनों पक्षों को अलग-अलग करने का प्रयास कर ही रहे थे, अचानक दबंगों ने पुजारी पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी। पुजारी के भतीजे ललित ने बताया कि दबंगों ने पुजारी पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगाने के बाद उन्हें वहीं पटक दिया। आग में जलते पुजारी इधर-उधर भागते रहे।

दबंग मौके से फरार हो गए। ग्रामीणों ने आग बुझाई, लेकिन तब तक वे काफी जल चुके थे। आनन-फानन में पुजारी को उपचार के लिए सपोटरा अस्पताल ले जाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने पुजारी को करौली के लिए रेफर कर दिया। करौली में जब ज्यादा हालत बिगड़ने लगी तो जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया, जहां उपचार के दौरान उनका मौत हो गई। सवाई मान सिंह अस्पताल से पहले परिजन जयपुर के ही प्राइवेट महात्मा गांधी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां चिकित्सकों ने उपचार से इनकार कर दिया। डॉक्टरों ने बताया कि वे 90 फीसद तक जल चुके हैं।

बूकना गांव के ही जगदीश, सोहन लाल और रामधन का कहना है कि दोनों पक्षों में कई महीनों से विवाद चल रहा था। गांव के पंचों ने बैठकर विवाद का निपटारा किया था। ग्रामीणों ने मंदिर की पूजा करने वाले पुजारी बाबूलाल वैष्णव को अपनी तरफ से जमीन खेती के लिए दी थी, लेकिन दबंग की नजर उस जमीन पर थी। राजस्व रिकॉर्ड में भी यह जमीन मंदिर माफी (मंदिर से जुड़ी जमीन) के नाम से दर्ज है। ग्रामीणों ने कई बार पटवारी और उपखंड अधिकारी ओमप्रकाश से कहा था कि मामले का हल निकालना चाहिए, लेकिन उन्होंने इसमें दिलचस्पी नहीं ली। ग्रामीणों ने पुलिस थाने में भी दो-तीन बार शिकायत कर कहा था कि विवाद का हल निकाला जाना चाहिए, अगर ऐसा नहीं होगा तो बड़ी घटना हो सकती है। यह बड़ी घटना पुजारी पर पेट्रोल छिड़कने और मौत के साथ ही हुई।

मंदिर की पूजा कर के पेट पालता है पुजारी परिवार

पुजारी का परिवार मंदिर में सेवा-पूजा कर के ही पेट पालता है। मंदिर से जुड़ी जिस जमीन को लेकर विवाद चल रहा है, उस पर पुजारी परिवार की तरफ से पिछले साल तक बाजरे की खेती की जाती थी। लेकिन इस बार दबंगों ने खेती नहीं करने दी  पुजारी के पड़ोसी रमेश ने बताया कि मंदिर में ग्रामीण जो चढ़ावा चढ़ाते हैं, उसी से परिवार पेट पालता है। खेती से भी थोड़ी बहुत आमदनी हो जाती है।


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