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राजस्थान में भीषण गर्मी, सोने-चांदी से ज्यादा पानी की सुरक्षा, 28 गांवों के 400 परिवारों ने किया पलायन

राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच पानी का संकट गहराता जा रहा है। कई गांवों और कस्बों में पानी को ताले में बंद करके रखा जा रहा है। यहां पानी की कीमत सोने और चांदी से भी अधिक हो गई है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 08 Jun 2019 03:25 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jun 2019 04:05 PM (IST)
राजस्थान में भीषण गर्मी, सोने-चांदी से ज्यादा पानी की सुरक्षा, 28 गांवों के 400 परिवारों ने किया पलायन
राजस्थान में भीषण गर्मी, सोने-चांदी से ज्यादा पानी की सुरक्षा, 28 गांवों के 400 परिवारों ने किया पलायन

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच पानी का संकट गहराता जा रहा है। प्रदेश के 9 जिले भयंकर सूखे की चपेट में है। पानी को लेकर इस कदर हाहाकार मचा हुआ है कि कई शहरों और कस्बों में तीन से पांच दिन में पानी की आपूर्ति की जा रही है। पानी के संकट से जुझ रहे भीलवाड़ा जिले के कई गांवों और कस्बों में पानी को ताले में बंद करके रखा जा रहा है। यहां पानी की कीमत सोने और चांदी से भी अधिक हो गई है। पानी के संकट से जूझ रहे धौलपुर जिले के 28 गांवों के 400 से अधिक परिवारों ने पशुओं के लिए घर छोड़कर नदियों के किनारे डेरा डाल दिया है। यहां गांवों से लोगों का पलायन जारी है।

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यहां ताले में रखा जाता है पानी

भीलवाड़ा जिले के अधिकांश कस्बों में पानी चार से पांच दिन में सप्लाई हो रहा है। यहां के हुरडा,रैबारी एवं परसरामपुरा गांव के लोग पानी की चोरी रोकने के लिए ड्रम में पानी इकट्ठा करते है और उसे ताला लगाकर बंद रखते है।

लोगों का कहना है कि पानी के टैंकर 10 दिनों के अंतराल पर आते है,पानी हमारे लिए सोने और चांदी की तुलना में अधिक कीमती हो गया है, इसलिए हम इसे बंद रखते है। ग्रामीण सुदंरलाल का कहना है कि लोग रात को खुले आंगन में रखे पानी को उठाकर ले जाते है, इसलिए अब पानी के ड्रमों को एक चैन से बांधकर ताला लगाकर रखा जाता है। अजमेर जिले के ब्यावर में भी पानी के ड्रमों को घर के अंदर बंद करके रखा जाता और परिवार का एक सदस्य रात में पहरा देता है।

ग्रामीण कर रहे पलायन

धौलपुर जिले की गौलारी,बल्लापुरा,गोलीपुरा,चंदरपुरा पंचायतों के 28 गांवों में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है। पीने के पानी के संकट से परेशान इन गांवों के 400 परिवार अपने घर छोड़कर पास ही सैपऊ एवं बाड़ी के समीप पावर्ती नदी के किनारे जाकर बस गए है। ग्रामीण अपने साथ पशु भी ले गए। पार्वती नदी के किनारे ग्रामीणों ने अस्थायी आसियाने बना रखे है। चंदरपुरा गांव के एक घर में ही परिवार रह रहा है। यहां रहने वाले रामरज ने बताया कि ना तो पीने का पानी है और ना ही पशुओं के लिए चारा है,इसलिए लोग घर छोड़कर चले गए।

सूखे की चपेट में 9 जिले

प्रदेश के हनुमानगढ़,नागौर,बीकानेर,जोधपुर,चूरू,पाली,जैसलमेर,बाड़मेर और जालौर जिले सूखे की चपेट में है। इन जिलों के बोरवेल,नलकूप,कुएं और तालाब पूरी तरह से सूख चुके है। इन 9 जिलों के 23 कस्बों और 3,161 गांवों में चार दिन में एक बार पानी मिली रहा है।

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