गुर्जर बोले- मांगे पूरी नहीं हुई तो दीपावली रेलवे ट्रेक पर ही मनाएंगे, 7 दिन में 1000 बस और प्रतिदिन 55 ट्रेनें प्रभावित
गुर्जरों ने साफ कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक वे यहीं बैठेंगे चाहे दीपावली यहीं मनानी पड़े। वहीं सरकार की तरफ से खेलमंत्री अशोक चांदना का कहना है कि मानने योग्य समस्त मांगे मान ली गई है अब गुर्जरों को आंदोलन खत्म करना चाहिए।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में अति पिछड़ा वर्ग के 5 फीसदी आरक्षण को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल करने और राज्य की सरकारी भर्तियों में बैकलॉग पूरा करने की मांग को लेकर गुर्जर शुक्रवार को सातवें दिन भी भरतपुर जिले के पिलूकापुरा में रेल की पटरी पर बैठे रहे। गुर्जरों ने साफ कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक वे यहीं बैठेंगे, चाहे दीपावली यहीं मनानी पड़े। वहीं सरकार की तरफ से खेलमंत्री अशोक चांदना का कहना है कि मानने योग्य समस्त मांगे मान ली गई है, अब गुर्जरों को आंदोलन खत्म करना चाहिए।
उन्होंने कहा वार्ता से ही मामले का हल निकलेगा। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अगुवाई में चल रहे आंदोलन के समर्थन में शुक्रवार को कई जिलों में गुर्जर समाज ने बैठक करने के साथ ही प्रदर्शन किए। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार आंदोलन के कारण 1000 रोड़वेज और निजी बस प्रभावित हुई है। रोड़वेज प्रशासन ने भरतपुर, करौली व धौलपुर मार्ग पर बसों का संचालन बंद कर रखा है। इससे रोड़वेज को भारी नुकसान होने के साथ ही आम लोगों को समस्या हो रही है। प्रतिदिन 55 से 58 ट्रेन का मार्ग प्रतिदिन बदला जा रहा है, वहीं दो से तीन ट्रेन रद्द हो रही है। शुक्रवार को राज्य पुलिस में भर्ती के लिए परीक्षा केंद्रों पर जाने के लिए युवाओं को काफी परेशानी उठानी पड़ी। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नीरज के पवन और भरतपुर जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने बैंसला से मुलाकात कर वार्ता के लिए एक बार फिर न्यौता दिया।
विरोधी गुट ने बैंसला पर लगाया समाज को पार्टियों के दर पर गिरवी रखने का आरोप
उधर गुर्जर समाज के दूसरे गुट के नेता हिम्मत सिंह ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि कर्नल बैंसला अपनी राजनीति के लिए पार्टियों के दर पर समाज को गिरवी रख रहे हैं। समाज के पंच-पटेलों की सरकार के साथ वार्ता हो गई, जबकि बैंसला 14 साल से वार्ताओं पर वार्ता कर रहे हैं, लेकिन आरक्षण का स्थाई समाधान नहीं निकला। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, शिक्षक भर्ती-18 में बैंसला व उनके पुत्र विजय अति पिछड़ा वर्ग के युवाओं को गुमराह कर के 5 प्रतिशत आरक्षण दो साल से मांग रहे हैं।
जबकि 12 फरवरी,2019 को भर्ती प्रथम लेवल में नियुक्ति शुरू हुई, लेकिन आरक्षण नहीं दिया गया। उन्होंने कहा दोनों पिता-पुत्र राजनीतिक पार्टियों के टिकट की सौदेबाजी में लगे हैं। उन्होंने एक बड़ा अरोप लगाते हुए कहा कि जिस भाजपा शासन में साल,2007 और 2008 में गुर्जरों पर बर्बरता पूर्ण गोलिकांड हुआ 72 गुर्जर मारे गए। उन मृतक गुर्जरों की राख ठंडी नहीं होने दी और बैंसला ने बीजेपी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ लिया। क्या यह दलाली की श्रेणी में नहीं आता है। उधर सर्दी के बीच गुर्जर अलाव के सहारे रेल की पटरी पर बैठे हैं। रजाई गद्दों की व्यवस्था की गई है। अलाव के सहारे ही रात गुजार रहे हैं।
ये है गुर्जरों की मांग
-राज्य सरकार द्वारा अति पिछड़ा वर्ग में दिए गए 5 फीसदी आरक्षण को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल किया जाए । इस संबंध में राज्य सरकार ने दो बार केंद्र को पत्र लिखा है।
- 2018 की शिक्षक भर्ती सहित अन्य सरकारी भर्तियों में बैंकलॉग पूरा किया जाए ।
- देवनारायण बोर्ड का गठन शीघ्र हो ।
- पिछले समझौतों के मुताबिक देवनारायण आवासीय विघालय खोले जाए ।