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Rajasthan: गुलाबचंद कटारिया का गहलोत सरकार पर वार, कहा-राज्य में कानून-व्यवस्था चौपट

Gulab chand Kataria. राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि गहलोत सरकार जनता से छलावा कर सत्ता में आई है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 07:25 PM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 07:25 PM (IST)
Rajasthan: गुलाबचंद कटारिया का गहलोत सरकार पर वार, कहा-राज्य में कानून-व्यवस्था चौपट
Rajasthan: गुलाबचंद कटारिया का गहलोत सरकार पर वार, कहा-राज्य में कानून-व्यवस्था चौपट

उदयपुर, जेएनएन। Gulab chand Kataria. राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया ने रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं उसकी सरकार पर जमकर वार किए। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार जनता से छलावा कर सत्ता में आई है। उनके चुनाव पूर्व किए वादे आज तक अधूरे हैं। राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। किसान, मजदूर और युवा बेरोजगार सभी मोहताज हैं।

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कटारिया ने याद दिलाया कि कांग्रेस ने राज्य के 59 लाख किसानों के 99 हजार 995 करोड़ रुपये का कर्जा दस दिन में माफ करने का वादा किया था। इसी तरह राज्य के 27 लाख बेरोजगार युवाओं को 3500 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता दिए जाने की घोषणा की थी, लेकिन दोनों ही प्रमुख घोषणाएं अन्य की तरह छलावा ही निकलीं। सत्ता में आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने जनघोषणा के वायदे के विपरीत बिजली दर बढ़ा दी। किसानों को बिजली तक मिलना बंद हो गया। गौरव पथ योजना के तहत प्रदेश के 9 हजार 679 ग्राम पंचायतों में

सीमेंटेड सडक़ें बनवायी जानी थी, जो काम बंद कर दिया। राज्य के तीन लाख 77 हजार जलसंग्रहण ढांचे ठंडे बस्ते में डाल दिए गए। भाजपा शासनकाल में 79 लाख 35 हजार शौचालयों के निर्माण की राशि का भुगतान केंद्र सरकार ने तो किया लेकिन राज्य सरकार इसे हड़पकर बैठी है। इसी तरह के हालात प्रधानमंत्री आवास योजना, दीनदयाल पट्टा अभियान का है।

कटारिया ने कहा कि राज्य के बांसवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, चूरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, झालावाड़, कोटा, नागौर, पाली, सिरोही और श्रीगंगानगर में एक भी नई पंचायत समितियों का गठन नहीं किया गया, जबकि छोटे जिले दौसा में पांच पंचायत समिति राजनीतिक हित साधने के लिए किया गया। ग्रामीण विकास के 1840 करोड़ रुपए की राशि भी पंचायती राज संस्थाओं को हस्तांतरित नहीं की गई। कटारिया ने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं,

श्मशानों, कब्रिस्तानों के विकास के लिए ग्रामीणों के दस फीसदी जनसहयोग से संचालित गुरु गोलवरकर जन सहभागिता योजना भी समाप्त कर दी। महानरेगा योजना के 1200 करोड़ रुपए अन्य कार्यों में उपलोग ले लिए, इससे ग्रामीण विकास ठप हो गया।

उन्होंने गहलोत सरकार पर सरपंचों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को राजनीति दुर्भावना से निलंबित करने का भी आरोप लगाया। कटारिया ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। हत्या, दुष्कर्म सहित सभी अपराधों में वृद्धि हुई है। गहलोत राज्य के हालातों से निपटने में सक्षम नहीं है। 

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