Rajasthan: आरक्षण के मसले को लेकर गुर्जर समाज की होगी महापंचायत, सरकार सतर्क
Rajasthan आरक्षण के मसले को लेकर राज्य सरकार से नाराज चल रहे गुर्जर नेता आगामी रणनीति बनाने के लिए शनिवार को भरतपुर जिले के पीलूपुरा क्षेत्र में स्थित अड्डा गांव में जुटेंगे। वहां गुर्जरों की महापंचायत आयोजित की जाएगी। राज्य सरकार भी सतर्क हो गई है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन की आहट तेज होने लगी है। आरक्षण के मसले को लेकर राज्य सरकार से नाराज चल रहे गुर्जर नेता आगामी रणनीति बनाने के लिए शनिवार को भरतपुर जिले के पीलूपुरा क्षेत्र में स्थित अड्डा गांव में जुटेंगे। वहां गुर्जरों की महापंचायत आयोजित की जाएगी। गुर्जर नेताओं के बढ़ते मूवमेंट को देखते हुए राज्य सरकार भी सतर्क हो गई है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने बताया कि राज्य सरकार आरक्षण मामले को लेकर गंभीर नहीं है। बैंसला ने आरोप लगाया कि गुर्जर समाज आरक्षण मामले को नौवीं अनुसूची में डालने, बैकलॉग भर्तियां भरने और प्रक्रियाधीन भर्ती में अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) को पांच प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने की बात कई बार राज्य सरकार से कर चुका है।
पूर्व में आंदोलन के दौरान मारे गए समाज के लोगों के परिजनों को मुआवजा और नौकरी देने, मुकदमों को वापस लेने और पूर्व में दी गई नौकरियों के नियमितकरण सहित कई मांगों को लेकर सरकार के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं। बैंसला ने सरकार पर इस मामले ढिलाई बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे गुर्जर समाज में भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने बताया कि शनिवार कोगुर्जर समाज की महापंचायत आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को राज्य सरकार की तरफ से एमबीसी के पांच फीसदआरक्षण का मामला संविधान की नौवीं अनुसूची में डालने को लेकर प्रस्ताव भेजा जा चुका है, लेकिन केंद्र सरकार भी इस दिशा में कोई पहल नहीं कर रही। वहीं, राज्य सरकार सरकारी नौकरियों में आरक्षण का पूरा लाभ एमबीसी वर्ग के युवाओं को नहीं दे रही है।
उधर, पिछले आंदोलनों में बैंसला के साथ रहे गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने एक बयान में कहा कि किरोड़ी सिंह बैंसला अपने पुत्रमोह के कारण पुराने आंदोलनों के साथियों को भूल रहे हैं। वे अपने पुत्र विजय को राजनीतिक रूप से स्थापित करना चाहते हैं। बैंसला समाज के नेताओं से बात किए बिना अपने स्तर पर फैसले ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज 13 साल से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है। वहीं, गुर्जर समाज की प्रस्तावित महापंचायत को देखते हुए सरकार सतर्क हो गई। वरिष्ठ आइएएस नीरज के पवन सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को गुर्जर नेताओं से बातचीत का जिम्मा सौंपा गया है।