Gujjar Reservation Movement: गुर्जरों और सरकार के बीच बनी सहमति, गुर्जरों ने रेलवे ट्रेक से छोड़ा कब्जा
गुर्जरों ने रेलवे ट्रेक से कब्जा छोड़ा पटरियों की मरम्मत में जुटे कर्मचारी लोगों को मिली राहत गुर्जर नेताओं ने धरना समाप्त करने की घोषणा की। गुर्जरों के रेलवे ट्रेक से कब्जा छोड़ने के बाद रेलवे कर्मचारियों ने पटरियों की मरम्मत करने का काम शुरू किया ।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में भरतपुर जिले के पिलूकापुरा के रेलवे ट्रेक से गुर्जरों ने गुरुवार सुबह कब्जा छोड़ दिया। गुर्जर समाज के नेताओं ने यहां दिया जा रहा धरना समाप्त करने की घोषणा की। गुर्जरों के रेलवे ट्रेक से कब्जा छोड़ने के बाद रेलवे कर्मचारियों ने पटरियों की मरम्मत करने का काम शुरू किया। कर्मचारियों ने पटरी की फिश प्लेट ठीक की। गुर्जर आंदोलनकारियों ने पटरियों को नुकसान पहुंचाया था। इस कारण रेलवे ने 250 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। सरकार के साथ बुधवार देर रात समझौते के बाद कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की।
विजय बैंसला के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल सुबह करीब 7 बजे पीलूपुरा रेलवे ट्रैक पर पहुंचा और ट्रैक पर जमे आंदोलनकारियों को समझौते के बिंदुओं के बारे में जानकारी दी। इसके बाद आंदोलनकारियों की सहमति होने पर आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की गई। इसके बाद आंदोलनकारियों ने रेलवे ट्रेक खाली कर दिया। लोगों ने खुशी में भगवान देवनारायण के जयकारे लगाते हुए मिठाई बांटकर खुशी जताई।
#WATCH Rajasthan: Gurjar agitators repair fishplates, that they'd damaged, on a railway track in Bharatpur where they were protesting with their demand for reservation.
Agitation called off today following a meeting between community leader Kirori Singh Bainsla & CM last night pic.twitter.com/aT3nfa6tBB
— ANI (@ANI) November 12, 2020
गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कहा कि सरकार का रुख पूरी तरह सकारात्मक है और उम्मीद है कि समझौते की पालना शीघ्र होगी। इससे समाज के युवाओं को काफी लाभ मिलेगा। सबसे बड़ी बात आंदोलन के दौरान शहीद हुए समाज के लोगों की वीरांगनाओं का सम्मान मिलेगा। रेलवे के एडीईइन मलखान सिंह मीणा के नेतृत्व में टीम दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर करीब 10 किलोमीटर तक पटरी की मरम्मत करने में जुटी।
आंदोलन खत्म होने से आमजन पुलिस प्रशासन के साथ-साथ रेल यात्रियों को भी राहत मिली है क्योंकि दिवाली के मौके पर दूसरे शहरों में रह रहे लोग अपने घरों को आना चाहते थे लेकिन गुर्जर आंदोलन के चलते ट्रेनें बंद होने से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी अब ट्रेन चालू होने से इन लोगों के चेहरे पर भी खुशी आ गई है क्योंकि त्योहार पर अब अपने परिवार के साथ मना पाएंगे।
इन बिंदुओं पर बनी थी सहमति
-अति पिछड़ा वर्ग आरक्षण को संविधन की नौंवी अनुसूची में शामिल कराने को लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा ।
-पिछले आंदोलन में मारे गए तीन लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी और विधवाओं को 5-5 लाखकी सहायता दी जाएगी ।
-देवनारायण बोर्ड का गठन व योजना का क्रियान्वयन होगा ।
-अति पिछड़ा वर्ग के 1252 अभ्यार्थियों को नियमित वेतन श्रृंखला का लाभ मिलेगा ।
-साल,2013 से 2018 तक की बैकलॉक भर्ती सहमति के प्रयास,विधिक राय ली जाएगी ।
जानकारी के अनुसार करीब सात घंटे तक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अगुवाई में 11 सदस्यीय गुर्जर नेताओं की जलसंसाधन मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला, तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग, श्रम मंत्री टीकाराम जुली वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक हुई। वार्ता में दोनों पक्षों में सहमति बनने के बाद गुर्जर नेता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने पहुंचे। यहां गहलोत ने गुर्जर नेताओं को समाज के सभी हितों का ध्यान रखने का आश्वासन दिया। पिछले 11 दिन से चल रहे आंदोलन के कारण 5 जिलों में 12 दिन से इंटरनेट बंद था, 1200 रोड़वेज बसें नहीं चली, इस दौरान करीब 70 रेलों का मार्ग बदला गया है। आधा दर्जन ट्रेन रद्द की गई है।
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