Gujjar Reservation Movement: गुर्जरों का तीसरे दिन भी रेल की पटरी पर बरकरार रहा कब्जा, महिलाओं ने भी संभाला मोर्चा
Gujjar Reservation Movement हिम्मत सिंह गुट के नेता मंगलवार को कर्नल बैंसला को समझाने पहुंचे कि वे आंदोलन खत्म कर सरकार से बात करें। उन्होंने सरकार द्वारा अब तक दिए गए लाभ की भी जानकारी दी लेकिन बैंसला नहीं माने।
जयपुर/जोधपुर, जेएनएन। राजस्थान में गुर्जर आंदोलन की आग अब प्रदेशभर में फैलने लगी है। गुर्जर तीसरे दिन मंगलवार को भी भरतपुर जिले के पिलूकापुरा में रेलवे ट्रैक पर जमे रहे। गुर्जरों के रेलवे ट्रैक पर कब्जा करने से दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग बाधित हो रहा है। अब गुर्जर समाज की महिलाओं ने भी मोर्चा संभाल लिया है। हाथों में लाठियां लेकर महिलाएं रेलवे ट्रैक पर बैठी हैं। आंदोलनकारियों के लिए आसपास के गांवों से खाना और बिस्तर आदि का इंतजाम हो रहा है। रात में पटरी पर ही अलाव जलाकर सर्दी से बचने का प्रयास किया जा रहा है। गुर्जर अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने, राज्य सरकार की भर्तियों में बैकलॉग पूरा करने, देवनारायण बोर्ड के गठन सहित विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। वहीं, अजमेर में भी गुर्जरों ने प्रदर्शन किया।
इस बीच, भरतपुर में एक रेल ट्रैक पर आरक्षण विरोध के दौरान एक सरकार के प्रतिनिधि ने गुर्जर समुदाय के सदस्यों के साथ बैठक की। सरकार के प्रतिनिधि और आइएएस अधिकारी नीरज के पवन ने कहा कि हम आपकी मांगों को सरकार तक पहुंचाएंगे और इसका स्थायी समाधान निकालेंगे।
गुर्जर समाज के एक गुट ने हिम्मत सिंह के नेतृत्व में पिछले सप्ताह सरकार के साथ 14 बिंदुओं पर समझौता किया था, जिसे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अगुवाई वाले गुट ने नहीं माना। हिम्मत सिंह गुट के नेता मंगलवार को कर्नल बैंसला को समझाने पहुंचे कि वे आंदोलन खत्म कर सरकार से बात करें। उन्होंने सरकार द्वारा अब तक दिए गए लाभ की भी जानकारी दी, लेकिन बैंसला नहीं माने। बयाना-हिंडौन-भरतपुर राजमार्ग जाम भरतपुर, दौसा, करौली, सवाई माधोपुर, धौलपुर व जयपुर जिले की पांच तहसीलों में इंटरनेट मंगलवार को चौथे दिन भी बंद रहा। अजमेर, भीलवाड़ा व सवाई माधोपुर में कुछ स्थानों पर गुर्जर समाज के युवाओं ने रास्ते रोके। दौसा व जयपुर में बैठक हुई।
गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कहा कि हमारी मांगें नई नहीं हैं। हमने सरकार से उनके साथ अपने समझौते के कार्यान्वयन का प्रमाण मांगा था।
आरक्षण आंदोलन को 14 साल हुए पूरे
दिन-रात पटरी पर जमें गुर्जर समाज के लोगों में चर्चा रही कि वे 14 साल से आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर लगभग हर बार आंदोलन करते हैं। कई बार पटरियों पर बैठ चुके हैं। रेल यातायात बाधित होने से सैकड़ों लोग परेशान होते हैं। सरकार के साथ वार्ताओं के दौर चलने के बाद समझौते किए जाते हैं। फिर उन समझौते को लागू करने के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ता है। आखिर यह कब तक चलेगा। सरकार एक बार में ही इनकी मांगें पूरी क्यों नहीं कर देती, ताकि गुर्जर समुदाय के साथ आम लोगों और सरकार को भी राहत मिल सके। दरअसल, गुर्जरों ने वर्ष 2006 में अनुसूचित जनजाति (एसटी) में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया था।
तब कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में पहली बार हिंडौन में ट्रेनें रोकी गई थीं। इसके बाद वर्ष 2007 में पाटोली और वर्ष 2008 में पीलूपुरा में उग्र आंदोलन हुए। इस दौरान 72 लोगों की मौत हुई। इसके बाद से विभिन्न मांगों को लेकर गुर्जर आंदोलन करते आ रहे हैं। सरकार ने उन्हें एमबीसी की नई कैटेगरी बनाकर पांच प्रतिशत का आरक्षण दिया है। इसमें भी तय कोटे के मुताबिक, युवाओं को नौकरियां नहीं मिल पा रही हैं। कुछ भर्तियां कोर्ट में अटकी हुई हैं। इसलिए बैकलॉग बढ़ता जा रहा है। गुर्जर आरक्षण का मामला अब तक चार बार कोर्ट में गया।
गुर्जर समाज ने अजमेर-कोटा हाइवे डेढ़ घंटे किया जाम
अजमेर से संवाद सूत्र के मुताबिक, आरक्षण सहित विभिन्न मांगों को लेकर सरवाड़ केकड़ी क्षेत्र के गुर्जर समाज के युवाओं ने अजमेर कोटा राजमार्ग पर पाच्या की निमडी प्रतापपुरा चौराहे पर जाम लगाया। प्रर्दशनकारियों ने किरोड़ी बैंसला के समर्थन में नारे लगाते हुए डेढ़ घंटे तक जाम लगाया। केकड़ी सरवाड़ क्षेत्र के गांवों से गुर्जर समाज के युवा सुबह 11 बजे से पाच्या की नीमड़ी प्रतापपुरा चौराहे पर एकत्रित होने लगे। गुर्जर समाज के युवाओं ने नारेबाजी करते हुए दोपहर साढ़े बारह बजे हाइवे पर आकर बैठक प्रदर्शन करने लगें। प्रदर्शनकारियों ने बबूल के पेड़, झाड़िया डालकर हाइवे को जाम कर दिया। दो बजे तक प्रदर्शनकारियों ने जाम लगाए रखा। इससे डेढ़ घंटा यातायात प्रभावित रहा। कई वाहन चालकों वैकल्पिक मार्ग के तौर पर सूरजपुरा ग्राम के सड़कों से गांव में से गुजरना पड़ा।
थानाधिकारी यादव की समझाइश पर खुला जाम
हाइवे पर लगाए जाम को खुलवाने में सरवाड थानाधिकारी की डेढ़ घण्टे तक मशक्कत करनी पड़ी। समझाइश पर दो बजे प्रदर्शनकारियों ने हाइवे से उठ गए। इसके पश्चात पुलिस ने यातायात सुचारू करवाया। हाइवे जाम होने से पहले ही सरवाड-केकड़ी पुलिस व आरएसी जवानों का जाप्ता सूरजपुरा चौराहे पर तैनात रहा। मौके पर सरवाड़ थानाधिकारी चन्द्र प्रकाश यादव तैनात रहे। एहतियात के तौर पर शाम तक सूरजपुरा चौराहाए प्रतापपुरा चौराहे पर आरएसी के जवान तैनात रहे
सचिन पायलट के समर्थन मे नारे लगाए
प्रदर्शनकारियों ने जाम के दौरान कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला व पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थन में नारे लगाए।
तीन किलोमीटर लंबा लगा जाम
अजमेर कोटा राजमार्ग पर प्रतापपुरा चौराहे पर गुर्जर समाज के युवाओं द्वारा लगाए गए डेढ़ घंटे के जाम में तीन किलोमीटर तक वाहनो की कतारें लग गईं। एक ओर टेंक नंबर तीन से आगे तक तो दूसरे ओर सूरजपुरा चौराहे के आगे तक वाहनों की कतारे लग गईं।
गुर्जर समाज के युवाओं ने की बैठक
हाइवे से हटने के बाद गुर्जर समाज के युवाओं ने पाच्या की नीमडी प्रतापपुरा चौराहे पर बालाजी परिसर में बैठक आयोजित की। बैठक में गुर्जर युवा नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार ने गुर्जरों के साथ छल किया है। पिछले समय हुए समझौते से मुकर रही है। सरकार ने किसी भी वादे को पूरा नहीं किया है। इससे समाज के लोगों में रोष व्याप्त है। और उन्होंने कहा कि आरक्षण उनका अधिकार है, जिसे लेकर ही रहेंगे। आरक्षण नहीं मिलता तब तक बैंसला के समर्थन मे रणनीति बनाकर आंदोलन करते रहेंगे। आधे घंटे तक चली बैठक के पश्चात गुर्जर समाज के युवा वहा रवाना हुए।