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अलग-अलग राज्‍यों के माफिया राजस्थान की नदियों से इस तरह निकाल रहे बजरी, कर रहें हैं अवैध खनन

बजरी के अवैध कारोबार में अब राजस्थान ही नहीं बल्कि दिल्लीहरियाणा और उत्तरप्रदेश जैसे पड़ौसी राज्यों के भू माफिया एवं शराब तस्कर भी जुट गए है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 21 Jun 2019 12:52 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2019 12:52 PM (IST)
अलग-अलग राज्‍यों के माफिया राजस्थान की नदियों से इस तरह निकाल रहे बजरी, कर रहें हैं अवैध खनन
अलग-अलग राज्‍यों के माफिया राजस्थान की नदियों से इस तरह निकाल रहे बजरी, कर रहें हैं अवैध खनन

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। बजरी के अवैध कारोबार में अब राजस्थान ही नहीं बल्कि दिल्ली,हरियाणा और उत्तरप्रदेश जैसे पड़ौसी राज्यों के भू माफिया एवं शराब तस्कर भी जुट गए है। राजस्थान की नदियां बजरी के अवैध कारोबारियों के लिए चांदी कूटने का साधन बन गई है।

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बजरी माफिया चंबल,बनास,ढूंढ,पार्वती सहित एक दर्जन छोटी-बड़ी नदियों से बजरी निकालने से लेकर ट्रकों को एस्कॉर्ट करते हुए पुलिस एवं खान विभाग के अधिकारियों को मैनेज कर ग्राहक तक पहुंचाने तक का काम ये माफिया करते है। बजरी के अवैध कारोबार में मोटी कमाई देखकर हरियाणा से गुजरात तक शराब की तस्करी करने वाले माफिया भी इस काम में लग गए है। शराब की तस्करी के साथ ही जमीनों पर कब्जा करने वाले गैंगस्टर्स भी बजरी माफिया बन गए है। पड़ौसी राज्यों के सैंकड़ों लोग यहां अवैध बजरी के बारोबार में जुटे है ।

एक ट्रक के वसूल रहे 50 हजार 

बजरी माफिया एक ट्रक के 48 से 50 हजार रुपये तक वसूल रहे है,जबकि इसकी वास्तविक कीमत 25 हजार रुपये ही है । पड़ौसी राज्यों के हिस्ट्रीशीटर यहां बजरी के ट्रक को स्कॉर्ट करने के बदले 12 से 15 हजार रुपये लेते है । बजरी के ट्रक के आगे और पीछे एक-एक वाहन एस्कॉर्ट करते हुए चलते है। इन वाहनों में हथियारों से लैस लोग बैठे रहते है।

एक वाहन ट्रक से करीब 3 किलोमीटर आगे चलता है जो पुलिस और खान विभाग की टीमों पर निगरानी रखता है। इस वाहन में बैठे लोग या तो सरकारी कर्मचारियों को मैनेज कर लेते है या फिर उनके साथ मारपीट करते है। पिछले एक माह में दस ऐसी घटनाएं सामने आई है,जिनमें बजरी माफिया के गुंड़ों ने पुलिसकर्मियों पर हथियारों से हमला किया है।

जानकारी के अनुसार राज्य में 10 हजार हिस्ट्रीशीटर है। इनमें से करीब 2 हजार हिस्ट्रीशीटर बजरी के अवैध कारोबार में जुटे है। हरियाणा,दिल्ली और उत्तरप्रदेश के लोग भी बड़ी संख्या में यहां बजरी के धंधे में लगे हुए है।

नदियों में से ऐसे निकालते है बजरी

विभिन्न नदियों में नाविक और कुछ मजदूर नाव में सवार होकर नदी के बीच में चले जाते है और फिर बाल्टियां लेकर मजदूर पानी में उतर जाते है। ये लोग नदी की तलहटी में जाकर बजरी को बाल्टियों में भर देते है,जिसे रस्सी के सहारे नाव में बैठे लोग खींच लेते है। नाव भरने के बाद उसे किनारे पर लाकर खड़ा कर दिया जाता है । इस बजरी को फिर ट्रकों में भरकर सुनसान इलाकों में जमा किया जाता है। बजरी की सुरक्षा के लिए हथियारों से लैस लोग पहरा देते है। ग्राहक से आॅर्डर मिलने पर बजरी को ट्रक में भरकर ग्राहकों तक सुरक्षा के बीच भेजा जाता है। जानकारी के अनुसार कोटा की चंबल नदी में करीब 250 नावें और 150 मजदूर इस काम में लगे हुए है।

मंत्री बोले,लगाम लगाने की कोशिश कर रहे है

राज्य के खानमंत्री प्रमोद जैन भाया का कहना है कि बजरी से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सरकार अवैध कारोबार को रोकने का प्रयास कर रही है। पुलिस एवं खान विभाग की टीमें हमेशा सतर्क रहती है।  

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