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Rajasthan Political Crisis: राज्यपाल ने गहलोत सरकार से पूछा, सरकार के पास बहुमत है तो सत्र बुलाने का क्या औचित्य है

Rajasthan Political Crisis राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं होता है । उन्होंने कहा कि किसी प्रकार के दबाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए ।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 10:47 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 10:47 PM (IST)
Rajasthan Political Crisis: राज्यपाल ने गहलोत सरकार से पूछा, सरकार के पास बहुमत है तो सत्र बुलाने का क्या औचित्य है
Rajasthan Political Crisis: राज्यपाल ने गहलोत सरकार से पूछा, सरकार के पास बहुमत है तो सत्र बुलाने का क्या औचित्य है

जागरण संवाददाता,जयपुर। Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में चल रहे सियासी संघर्ष के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को अपने समर्थक विधायकों को लेकर राजभवन पहुंचे । करीब पांच घंटे तक कशमकश चली । विधायकों ने धरना दिया,हालांकि शाम को विधायक राजभवन से वापस चले गए । दिनभर के घटनाक्रम के बाद राजभवन के जनसंपर्क अधिकारी की तरफ से शुक्रवार रात को एक प्रेस नोट जारी किया गया । इसमें राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं होता है । उन्होंने कहा कि किसी प्रकार के दबाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए । राज्य सरकार द्वारा 23 जुलाई को रात में विधानसभा सत्र को अत्यंत ही अल्पनोटिस के साथ आहूत किये जाने की पत्रावली भेजी गई । इसका परीक्षण किया गया,विधि विशेषज्ञों की राय ली गई । इसके बाद राजभवन ने राज्य सरकार के संसदीय कार्य विभाग को निम्न बिंदूओं के आधार पर स्थिति प्रस्तुत करने के लिए कहा गया -

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1. विधानसभा सत्र को किस तिथि से आहूत किया जाना है। इसका उल्लेख नोट में नहीं है और ना ही केबिनेट द्वारा इसका अनुमादन प्रदान किया गया ।

2. अल्प सूचना पर सत्र बुलाये जाने का ना तो कोई औचित्य बताया गया है और ना ही एजेंडा प्रस्तावित किया गया है । सामान्य प्रक्रिया में सत्र 21 दिन के नोटिस पर आहूत किया जाता है ।

3. कुछ विधायकों की निर्योग्यता का प्रकरण उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट में भी विचाराधीन है । उसका संज्ञान लिए जाने के निर्देश भी राज्य सरकार को दिए गए हैं । इसके साथ ही कोरोना महामारी को देखते हुए किस प्रकार सत्र आहूत किया जायेगा,इसका विवरण भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गए हैं ।

4. यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार के पास बहुमत है तो विश्वास मत प्राप्त करने के लिए सत्र आहूत करने का क्या औचित्य है ।

राज्यपाल ने सीएम को पत्र लिखकर नाराजगी जताई

राजस्थान में चल रहे सियासी संग्राम के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर सीएम के उस बयान पर नाराजगी जताई है,जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि जनता राजभवन को घेर लेगी तो मैं कुछ नहीं कर सकता । विश्वस्त सूत्रों के अनुसार राज्यपाल ने पत्र में सीएम से पूछा है कि क्या प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि राज्यपाल की सुरक्षा नहीं की जा सकती ।

राज्यपाल ने कांग्रेस विधायकों द्वारा राजभवन में धरना एवं नारेबाजी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि लगता है प्रदेश की कानून व्यवस्था आपके हाथ से निकल गई है । उन्होंने कहा कि सत्र बुलाने को लेकर जल्दबाजी ठीक नहीं है ।उन्होंने कहा कि मिलकर बात भी की जा सकती थी,लेकिन उससे पहले ही सीएम ने मीडिया में बयान दे दिया । सूत्रों के अनुसार राज्यपाल ने कहा कि जनता के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने राजभवन में जो व्यवहार किया वह ठीक नहीं है ।


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