Move to Jagran APP

Rajasthan: सरकारी कर्मचारियों ने अपने रिश्तेदारों को बांट दिए फसली लोन

Crop loan. राजस्थान में खरीफ के लिए सहकारी बैंकों के लोन वितरण में हुई देरी के चलते साढ़े चार लाख नए किसानों को बीमा कवर का फायदा भी नहीं मिल सका।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 02:10 PM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 02:10 PM (IST)
Rajasthan: सरकारी कर्मचारियों ने अपने रिश्तेदारों को बांट दिए फसली लोन
Rajasthan: सरकारी कर्मचारियों ने अपने रिश्तेदारों को बांट दिए फसली लोन

जागरण संवाददाता, जयपुर। Crop loan. राजस्थान में करीब छह लाख किसान कई साल से बिना पात्रता के ही ब्याज मुक्त फसली लोन का लाभ उठा रहे थे। अब राज्य सरकार ने फसली लोन वितरण की प्रक्रिया ऑनलाइन की तो इस मामले का खुलासा हुआ। अब इन लोगों को लोने देने को लेकर अपात्र घोषित कर दिया गया है। इन लोगों को अपात्र घोषित किए जाने से सरकार को तीन हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है। अब यह तीन हजार करोड़ रुपये उन साढ़े चार लाख नए किसानों को लोन के रूप में मिलेंगे, जिन्होंने कभी सहकारी बैँकों से फसली कर्ज लिया ही नहीं।

loksabha election banner

सरकार की जांच में सामने आया कि सहकारी समितियों के व्यवस्थापक और सहकारी बैंकों के कर्मचारी मिलीभगत कर वास्तविक किसानों के स्थान पर अपने रिश्तेदारों या चहेतों को गलत तरीके से लोन देते थे। यह मिलीभगत का खेल कई साल से चल रहा था। अब पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से इस घोटाले का खुलासा हुआ है। राज्य के सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। आंजना का कहना है कि राजस्थान देश में ऐसा पहला राज्य है, जहां फसली लोन वितरण की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है। पिछले साल तक खरीफ सीजन में जहां 18 लाख किसानों को आठ हजार करोड़ रुपये का लोन वितरित किया गया था, वहीं इस साल मात्र पांच हजार करोड़ रुपये की वितरित किए गए है। फर्जी किसानों के नाम सूची से हटने के कारण सरकार को तीन हजार करोड़ रुपये का फायदा हुआ है।

साढ़े चार लाख किसानों को नहीं मिल पाया बीमा कवर

राज्य में खरीफ के लिए सहकारी बैंकों के लोन वितरण में हुई देरी के चलते साढ़े चार लाख नए किसानों को बीमा कवर का फायदा भी नहीं मिल सका। सरकार हर साल किसानों को फसली लोन बांटने के लिए उन्हें बीमा कवर भी देती है। अब तक तो अगले साल के लिए किसानों को बीमा कवर देने की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने किसानों को अब तक वर्तमान साल का बीमा कवर ही उपलब्ध नहीं कराया है। किसानों को फसल के लिए लोन देने के साथ ही उन्हें 10 लाख रुपये तक का दुर्घटना व जीवन कवर देने के लिए सरकार हर साल बीमा कंपनी से अनुबंध करती है। लेकिन इस बार खरीफ के लोन वितरण में हुई देरी के चलते सरकार किसी बीमा कंपनी से अनुबंध ही नहीं हो पाया है। प्रक्रिया ऑनलाइन होने के कारण लोन वितरण में इस साल देरी हुई है।

उल्लेखनीय है कि पिछली वसुंधरा सरकार ने सहकारी बैंकों से फसली लोन लेने वाले किसानों के लिए 10 लाख रुपये का दुर्घटना और जीवन कवर देने की योजना शुरू की थी। इस योजना में बीमा का प्रीमियम किसानों की लोन राशि में से ही काटा जाता था। लेकिन इस बार किसानों का बीमा करने के लिए अब तक सरकार किसी बीमा कंपनी को तैयार नहीं कर पाई। किसानों का बीमा करने के लिए इंश्योरेंस कंपनी का चयन अपेक्स कोऑपरेटिव बैंक के स्तर पर होता है। 

यह भी पढ़ेंः मंत्रियों को सीएम अशोक गहलोत की हिदायत, अब नहीं बख्शा जाएगा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.