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शराब और बिजली उपभोक्ताओं से कर्जभार कम करने में जुटी गहलोत सरकार

साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्जभार झेल रही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अब शराब के दाम बढ़ाकर घाटा पूरा करने की तैयारी कर रही है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 02:26 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2019 02:26 PM (IST)
शराब और बिजली उपभोक्ताओं से कर्जभार कम करने में जुटी गहलोत सरकार
शराब और बिजली उपभोक्ताओं से कर्जभार कम करने में जुटी गहलोत सरकार

जयपुर, जागरण संवाददाता। साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्जभार झेल रही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अब शराब के दाम बढ़ाकर घाटा पूरा करने की तैयारी कर रही है। सरकार ने तीन माह में दूसरी बार अंग्रेजी शराब और बीयर के दाम बढ़ाए है। सरकार ने अंग्रेजी शराब पर 20 फीसदी और बीयर पर 35 फीसदी आबकारी शुल्क में वृद्धि की है। अगले एक-दो दिन में देशी शराब की दरों में भी बढ़ोतरी की जाएगी।

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सरकार द्वारा अचानक आबकारी शुल्क में बढ़ोतरी करने से शराब कारोबारियों में हडकंप मच गया है। सरकारी खजाने में पैसों की कमी के चलते सरकारी विभागों के भुगतान अटके हुए है। वहीं किसानों को कर्जमाफी एवं बेरोजगारी भत्ते का पैसा चुकाने से हालत और भी खराब होते जा रही है।

ऐसे में सरकार अपने खाली खजाने को भरने के लिए टैक्स बढ़ाती जा रही है। इसी तरह से बिजली विभाग ने भी प्रदेश के उपभोक्ताओं को बिजली पर फ्यूल सरचार्ज के नाम पर 8 से 15 फीसदी अधिक राशि वसूलना शुरू कर दिया है। पिछले महीने ही आरईआरसी ने फ्यूल सरचार्ज राशि 55 पैसे प्रति यूनिट करने को मंजूरी दी थी ।प्रदेश की बिजली कंपनियां इस सरचार्ज के जरिए करीब 400 करोड़ रुपये वसूलने की तैयारी में है।

नियामक आयोग के निर्देश पर फ्यूल सरचार्ज पहले बिजली खरीद की 10 फीसदी तक वसूल सकते थे लेकिन अब इसे बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया है। इसी के साथ अब बिजली उपभोक्ताओं पर 55 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से भार पड़ने वाला है।  


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