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Rajasthan: एक लाख से अधिक संविदाकर्मियों को नियमित करेगी गहलोत सरकार !

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार एक लाख से अधिक संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की तैयारी कर रही है। रिटायर्ड कर्मचारियों को पे माइनस पेंशन पर नहीं रखा जाएगा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 03:28 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 03:28 PM (IST)
Rajasthan: एक लाख से अधिक संविदाकर्मियों को नियमित करेगी गहलोत सरकार !
Rajasthan: एक लाख से अधिक संविदाकर्मियों को नियमित करेगी गहलोत सरकार !

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार एक लाख से अधिक संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की तैयारी कर रही है। आगामी पंचायत चुनाव से पहले संविदा कर्मचारियों को नियमित करने को लेकर निर्णय कर लिया जाएगा। जनवरी 2001 तक विभिन्न विभागों में नियुक्त संविदा कर्मचारियों को नियमित करने को लेकर मुख्यमंत्री सचिवालय कसरत कर रहा है।

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संविदा कर्मचारियों को नियमित करने से सरकार पर पढ़ने वाले आर्थिक बोझ और उसके इंतजाम को लेकर वित्त विभाग ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक ड्राफ्ट बनाकर दिया है। इसके साथ ही सरकार सेवानिवृत कर्मचारियों को भविष्य में पे मानइस पेंशन अथवा स्थाई वेतन पर नियुक्ति नहीं देगी। वर्तमान में विभिन्न सरकारी विभागों में सेवानिवृत कर्मचारी पे माइनस पेंशन अथवा स्थाई वेतन पर कार्यरत है। शासन सचिवालय में विभिन्न विभागों में ही करीब एक हजार सेवानिवृत कर्मचारी काम कर रहे है। राज्य के उर्जामंत्री डॉ.बी.डी.कल्ला का कहना है कि संविदाकर्मियों को नियमित करने को लेकर सरकार बहुंत शीघ्र निर्णय करेगी। संविदाकर्मियों को नियमित करने को लेकर अधिकारी तैयारी कर रहे है। संविदा कर्मचारियों को नियमित करने को लेकर सीएम द्वारा बनाई गई मंत्रियों की समिति के कल्ला अध्यक्ष है।गहलोत सरकार ने प्रदेश में कार्यरत साढ़े आठ लाख सरकारी कर्मचारियों का डाटा बेस तैयार कराया है। कर्मचारियों का डाटा बेस तैयार होने से लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति मिल सकता है ।

वोट बैंक पक्का करने की कोशिश

लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 25 सीटों पर सत्तारूढ़ कांग्रेस की हार और अब दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उप चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों की कमजोर स्थिति को देखते हुए सरकार संविदा कर्मचारियों को नियमित करने को लेकर सक्रिय हो गई है। पंचायत चुनाव से पहले सरकार यह काम खत्म करना चाहती है। जानकारी के अनुसार मनरेगा में 60 हजार, 24 हजार विधार्थी, 27 हजार पंचायत सहायक, 2400 लोक जुंबीसकर्मी,15 हजार पैरा टीचर्स और मदरसा टीचर्स, 4500 एनआरएचएमकर्मी, 17,500 प्रेरक,1500 फार्मासिस्ट और 10 हजार जनता जल योजनाकर्मी संविदा पर कार्यरत है। गहलोत सरकार इन्हे नियमित कर कांग्रेस का वोट बैंक पक्का करना चाहती है। कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि संविदा कर्मचारियों की नाराजगी का नुकसान विधानसभा चुनाव में भाजपा को हुआ है। अब कांग्रेस इसका राजनीतिक लाभ लेना चाहती है।

कुछ राज्यों ने नियमित किए संविदाकर्मी

बिहार सरकार ने 5 लाख संविदा कर्मचारियों को नियमित किया है। इसके साथ ही झारखंड सरकार ने 10 साल से कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित किया है। राजस्थान सरकार ने देश के विभिन्न राज्यों में संविदा कर्मचारियों की स्थिति का अध्ययन कराने के बाद प्रदेश में इन्हे नियमित करने का मन बनाया है। 


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